बैंड बाजा बजा तो काजी नहीं पढ़ाएंगे निकाह,रांची में क्यों जारी हुआ ये फरमान?
मौलाना तौफिक कादरी की सदारत में हुए इस कार्यक्रम में लोगों से मस्जिदों में निकाह और हैसियत के मुताबिक वलीमा का आयोजन करने की अपील की गई। साथ ही लोगों से दहेज का बहिष्कार करने की गुजारिश की गई। लोगों ने कहा कि मुस्लिम समाज में शादी को खर्चीला बना दिया गया।

आम जनता हेल्प लाइन की ओर से शादी समारोह में हो रही फिजूलखर्ची रोकने और गैर शरई निकाह को लेकर सभा का आयोजन हुआ। तय हुआ कि जिन शादियों में नाच-गान,बैंडबाजा,बम-पटाखा आदि रस्में होंगी,उन शादियों का शहर ए काजी और उलेमा बहिष्कार करेंगे। ऐसी शादियों में वे निकाह भी नहीं पढ़ाएंगे। इस फैसले को मौजूद शहर ए काजी, उलेमाओं और विभिन्न संस्था के लोगों ने समर्थन किया।
मौलाना तौफिक कादरी की सदारत में हुए इस कार्यक्रम में लोगों से मस्जिदों में निकाह और हैसियत के मुताबिक वलीमा का आयोजन करने की अपील की गई। साथ ही लोगों से दहेज का बहिष्कार करने की गुजारिश की गई। लोगों ने कहा कि मुस्लिम समाज में शादी को खर्चीला बना दिया गया। बैठक में मुफ्ती आसिफ मदनी, मौलाना असगर मिसबाही,मौलाना तलहा नदवी,मुफ्ती अबु दाउद कासमी, मौलाना जावेद नदवी,डॉ तारीक हुसैन, अयूब राजा खान, काजी नसीरूद्दीन फैजी, काजी मसूद फरीदी, हाफिज मिकाईल,नसीम गद्दी, डॉ मौलाना हुफैजा,संपा गद्दी,एस अली मौजूद थे।
आम जनता हेल्पलाइन की ओर सभा में यह घोषणा की गई कि वह हर साल 11 गरीब बच्चियों का निकाह अपने खर्ज पर कराएगी। अध्यक्ष एजाज गद्दी ने बताया कि संस्था बच्चियों का खुद चयन करेगा। इसके बाद एक तारीख निर्धारित कर निकाह कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल समाज में बराबरी और इंसानियत के पैगाम को आगे बढ़ाएगी।