देसी घी भारतीय रसोई की शान है। बस दो चम्मच घी रोटी पर चुपड़ लो या दाल-सब्जी में डाल दो; उनका स्वाद और खुशबू दोगुने हो जाते हैं। कई चीजों में तो खास देसी घी का ही तड़का लगाया जाता है, जो उन्हें टेस्टी के साथ-साथ और हेल्दी बना देता है। दरअसल आयुर्वेद के अनुसार देसी घी पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं ये खाने में मौजूद पोषक तत्वों को बेहतर ढंग से एब्जॉर्ब करने में भी मदद करता है। ऐसे में जब कुछ खास चीजों को घी में बनाया जाता है, तो ये और भी ज्यादा हेल्दी और नारिशिंग बन जाती हैं। तो चलिए जानते हैं किन चीजों को हमेशा घी में ही बनाना बेस्ट होता है।
अक्सर किसी बीमारी में या जब भी कुछ हल्का-फुल्का खाने का मन होता है, तो खिचड़ी ही याद आती है। दाल, चावल, हल्के मसाले और देसी घी से बनी खिचड़ी; सिर्फ टेस्टी ही नहीं होती बल्कि पेट के लिए भी अमृत बन जाती है। देसी घी डाइजेशन में मदद करता है, जिससे खिचड़ी एक गट हीलिंग और कंफर्टिंग मील बन जाती है।
रोजाना की दाल को और भी ज्यादा टेस्टी और हेल्दी बनाना है, तो घी का तड़का जरूर लगाएं। इससे दाल की खुशबू और टेक्चर तो अच्छा हो ही जाता है, साथ ही दाल में मौजूद प्रोटीन को एब्जॉर्ब करने में भी देसी घी मदद करता है। दाल खाने के बाद अगर एसिडिटी, ब्लोटिंग या भारीपन का अहसास होता है, तो देसी घी जरूर इस्तेमाल करें।
अक्सर रात की रोटियां या पराठे बच जाते हैं, जिन्हें लोग सुबह गर्म कर के खाते हैं। हालांकि दोबारा गर्म करने पर इनका स्वाद काफी बदल जाता है। ये काफी ड्राई और हार्ड हो जाते हैं। ऐसे में इन्हें गर्म करते हुए हल्का सा देसी घी लगा लें। इससे बासी रोटियों का स्वाद भी बढ़ जाएगा और वो सॉफ्ट भी हो जाएंगी। इतना ही नहीं इन्हें पचाना भी आसान हो जाएगा।
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों या बथुआ आदि को भी देसी घी में ही बना चाहिए। दरअसल इन सब्जियों में फैट सॉल्यूबल विटामिन मौजूद होते हैं, जिन्हें एब्जॉर्ब करने के लिए फैट की जरूरत होती है। देसी घी से अच्छा फैट कॉम्बिनेशन इनके लिए हो ही नहीं सकता। इतना ही नहीं देवी घी इन सब्जियों के टेस्ट और टेक्सचर को भी इंप्रूव करता है।
हल्दी वाला दूध हो या हल्दी वाली सब्जियां, इनमें देसी घी का इस्तेमान करना बड़ा फायदेमंद होता है। दरअसल हल्दी में 'करक्यूमिन' नामक एक तत्व मौजूद होता है, जिसे पचाने के लिए हेल्दी फैट की जरूरत होती है। ऐसे में अगर हल्दी वाली चीजों में जरा सा देसी घी मिला दिया जाए, तो उनके गुण दोगुना हो जाते हैं।
मिलेट यानी मोटे अनाज जैसे ज्वार, रागी या बाजरा भी हमेशा देसी घी में ही बनाने चाहिए। दरअसल ये काफी ड्राई और कठोर टेक्चर के होते हैं। ऐसे में जब इन्हें घी में बनाया जाता है तो इन्हें पचाना आसान हो जाता है। बाजरा या किसी भी मिलेट की रोटी या खिचड़ी के साथ जरा सा घी मिला दें, स्वाद भी बढ़ जाएगा और सेहत भी बनी रहेगी।