बैक टू स्कूल कैंपेन शुरू, 10 मई तक ड्रॉप आउट और अनामांकित बच्चे जोड़े जाएंगे
झारखंड में बैक टू स्कूल अभियान की शुरुआत सोमवार से हुई। इस अभियान का उद्देश्य ड्रॉप आउट और अनामांकित बच्चों को स्कूलों से जोड़ना है। निदेशक शशि रंजन ने कहा कि सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करना...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड में बैक टू स्कूल (रुआर-2025) अभियान की सोमवार से शुरुआत हो गई। इसके तहत 10 मई तक ड्रॉप आउट और अनामांकित बच्चों को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। अभियान की शुरुआत झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन ने वर्चुअल बैठक के साथ की। राज्यस्तरीय वर्चुअल बैठक में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ममता लकड़ा, धीरसेन सोरेंग समेत सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, सहायक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी शामिल हुए। शशि रंजन ने कहा कि बैक टू स्कूल कैंपेन का उद्देश्य स्कूलों में शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना है। साथ ही, ड्रॉप बॉक्स के बच्चों और आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना है। राज्य स्तर से लेकर संकुल और विद्यालय स्तर तक इस अभियान का असर दिखना चाहिए। उन्होंने पदाधिकारियों को सलाह दी कि दिखावे से दूर रहें और धरातल पर काम दिखाएं। कोई भी बच्चा अनामांकित ना रहे, यह सुनिश्चित करें। जिला स्तरीय पदाधिकारी लगातार एमआईएस में प्राप्त डाटा का विश्लेषण कर अभियान की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि आगामी राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में अभियान की सफलता और इसके क्रियान्वयन की समीक्षा की जायेगी। हर पदाधिकारी की जवाबदेही तय होगी।
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16 हजार बाल वाटिका में भी इस वर्ष से नामांकन
निदेशक शशि रंजन ने कहा कि इस साल से राज्य में संचालित 16 हजार बाल वाटिका में भी नामांकन शुरू हो गया है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए बच्चों को बाल-वाटिका से जोड़ें। उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विद्यालय में कैंप लगाकर दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाने का निर्देश दिया। साथ ही, सभी बच्चों का डाटा ई-विद्यावाहिनी और यू-डाइस पर अपलोड करने का निर्देश दिया।
गर्मी छुट्टी से पहले बच्चों को मिलेगा स्कूल बैग, किताब-कॉपी और पोशाक
जेईपीसी निदेशक ने सभी जिलों में चाइल्ड एंटाइटलमेंट से जुड़े कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गर्मी की छुट्टियों से पहले बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, कॉपी, स्टेशनरी, छात्रवृत्ति और पोशाक जैसी आवश्यक सामग्रियां वितरित की जाएं, ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। जिलों को इसे प्राथमिकता देने और समयबद्ध ढंग से पूरा करने की सख्त हिदायत दी गई।
गैर सरकारी संगठनों की भी लें मदद
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ममता लकड़ा ने कहा कि सभी विद्यालयों में बैक टू स्कूल अभियान व्यापक पैमाने पर चलाएं। पांच से 18 वर्ष तक का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे। उन्होंने समाज कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए अभियान के सफल क्रियान्वयन का निर्देश दिया। इस अभियान में गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लेने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए रचनात्मक प्रयासों पर जोर दें। जो बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं, उनके घरों में जाकर अभिभावकों से बात करें।
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