रांची में एक और कोरोना मरीज मिला, सक्रिय केस चार
रांची और झारखंड के अन्य हिस्सों में कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी हो रही है। रांची में एक्टिव मामलों की संख्या चार हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि लापरवाही से स्थिति बिगड़ सकती है।...

रांची, संवाददाता। रांची सहित झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। रांची में एक और कोरोना संक्रमित के मिलने के बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। परिस्थितियां ऐसी होती जा रही हैं कि कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। कुछ मामलों में तो मरीज की हालत गंभीर होने पर कोरोना पॉजिटिव होने का पता चल रहा है। इन सबके बावजूद शहर में लोग लापरवाही बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो स्ट्रेन इतना गंभीर नहीं है, लेकिन कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है और यह चिंता की बात है।
ऐसे में हर किसी को सावधानी बरतनी ही होगी। वायरस को लेकर बड़ी चिंता ये है कि अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों जैसे संवेदनशील स्थानों पर भी लोग सतर्कता नहीं बरत रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन की ओर से सावधानी बरतने की अपील तो की जा रही है, लेकिन लोग इन निर्देशों को नजरअंदाज कर रह हैं। रिम्स में नियम ताक पर रिम्स में जहां भी मरीज भर्ती हैं, उन स्थानों पर लोग मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। वहीं, अस्पताल के भीड़भाड़ वाली जगह पर भी लोग बिना किसी सतर्कता और सावधानी के घूम रहे हैं। ओपीडी में सर्दी-खांसी वाले नहीं लगा रहे मास्क जानकारी के अनुसार रांची में अभी कोविड के तीन सक्रिय (एक्टिव) मामले हैं। इनमें से एक मरीज की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। इसके बावजूद ओपीडी में सर्दी, खांसी, बुखार और गले में खराश जैसे लक्षणों के साथ हर दिन पहुंच रहे मरीज मास्क नहीं लगा रहे। चिकित्सकों का कहना है कि इन लक्षणों को हल्के में लेना किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है। कई मरीजों में यही शुरुआती लक्षण कोविड संक्रमण के रूप में सामने आ रहे हैं। बता दें कि मेडिसिन ओपीडी में इन लक्षणों के साथ पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। सीएचसी-पीएचसी में भी कोरोना मामले विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में की गई जांच में भी कोरोना केस सामने आ रहे हैं। ये मामले संक्रमण के धीरे-धीरे समुदाय में फैलने का संकेत दे रहा है। दो दिन पहले रैट किट से सीएचसी और पीएचसी में भी जांच शुरू की गई है। अब इन केंद्रों पर भी मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने मास्क पहनने की हिदायत दी है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और लक्षणों के दिखते ही तुरंत जांच कराने को कहा है। हालात बिगाड़ सकती है लापरवाही विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही मामले सीमित हैं, लेकिन लापरवाही से स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में लोगों को फिर से कोविड के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। ताकि संक्रमण की एक और लहर को रोका जा सके।
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