घरेलू कामगारों के अधिकार की रक्षा होनी चाहिए: संगठन
रांची में घरेलू कामगारों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया गया। घरेलू कामगारों का पूरा ब्यौरा सरकार के पास होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस पर मार्च का आयोजन...

रांची, प्रमुख संवाददाता। राष्ट्रीय घरेलू कामगार कल्याण ट्रस्ट संगठन की अनिता देवी एवं संयोजक सिस्टर अंशु लकड़ा ने कहा कि घरेलू कामगारों के अधिकार की रक्षा के लिए व्यपाक कानूनी ढांचने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि घरेलू कामगारों से संबंधित पूरा ब्यौरा सरकार के पास उपलब्ध हो। वहीं, अन्य श्रमिकों की तरह घरेलू कामगार के अधिकार की रक्षा होनी चाहिए। वे रविवार को पुरुलिया रोड में स्थित एसडीसी सभागार में अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि समाज में श्रमिकों का अनिवार्य होने के बावजूद रोजगार तक पहुंच नहीं होने की वजह से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में महिला व पुरुष घरेलू कार्य में शामिल हैं।
इनमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। आबादी बढ़ने के साथ ही ऐसे श्रमिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में भी अब नौकरी दुलर्भ हो गई है। ऐसे में कामगारों को उनके वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा का उचित हिस्सा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कामगारों से किया वादा अभी तक नहीं निभाया है। बताया गया कि इसी मसले को लेकर अंतरराष्ट्रीय घरेलू कागमार दिवस पर रविवार को मेन रोड के जिला स्कूल से राजभवन तक मार्च का आयोजन किया जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में संगठन से संबद्ध कामगार शामिल होंगे। बताया गया कि मार्च के जरिए सरकार से समाजिक सुरक्षा, काम के घंटे व न्यूनतम वेतन का निर्धारण, गरिमा व अधिकार के संरक्षण की मांग की जाएगी। प्रेस वार्ता में रेणु लिंडा, प्रियंका तिर्की, निर्मला टोप्पो, रेणुका, आशा, ज्योति तिर्की एवं अन्य शामिल हुई।
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