गुरु अर्जुन देव के शहादत दिवस पर छबील लगाकर शरबत वितरण किया
रांची में शास्त्री मार्केट एसोसिएशन ने गुरु अर्जुन देव की शहादत की स्मृति में छबील सेवा का आयोजन किया। सुबह 11 बजे से शुरू हुई इस सेवा में सैकड़ों लोगों को मीठी-ठंडी शरबत का वितरण किया गया। गुरु की...

रांची, वरीय संवाददाता। सिखों के पांचवें गुरु शहीदों के सरताज गुरु अर्जुन देव की शहादत की स्मृति में शास्त्री मार्केट एसोसिएशन ने शुक्रवार को शास्त्री मार्केट के बाहर शिविर लगाकर छबील सेवा का आयोजन किया। गुरमीत सिंह ने अरदास के साथ सुबह ग्यारह बजे से छबील की सेवा शुरू की। इस दौरान मार्केट के बाहर छबील लगाकर सैकड़ों लोगों के बीच मीठी-ठंडी शरबत का वितरण किया। एसोसिएशन के सदस्यों ने तपती गर्मी में गुजरते राहगीरों एवं वाहन सवार लोगों को शाम पांच बजे तक मीठी-ठंडी शरबत पिलाकर गुरुघर का आशीर्वाद लिया। गुरु से इस्लाम का गुणगान करने का दबाव बनाया था एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि छबील का सिख इतिहास में बहुत महत्व है।
खास तौर पर सिख धर्म के पांचवें गुरु, श्री गुरु अर्जन देव के साथ इसके जुड़ाव के कारण श्री गुरु अर्जन देव की शहादत 16 जून 1606 को हुई थी। मुगल शासक जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव पर इस्लाम धर्म का गुणगान करने का दबाव बनाया था। उन्होंने करने से मना कर दिया तब उन्हें यासा कानून (ऐसी यातना दी जाए जिसमें खून का थक्का जमीन पर न गिरे) के तहत यातनाएं दी गई। भीषण गर्मी में गर्म तवे पर बिठाकर तथा उनके ऊपर गर्म तेल और गरम-गरम रेत डालकर उन्हें यातना दी गई और रावी नदी में बहा दिया गया। उनकी शहादत के सम्मान और स्मरण में सिखों की शहीदी गुरुपर्व के दिन पूरे विश्व में छबील लगाकर लोगों को मीठी ठंडी शरबत बांटी जाती है, जो राहत प्रदान करने और करुणा प्रदर्शित करने के कार्य का प्रतीक है। छबील की सेवा में शास्त्री मार्केट एसोसिएशन के रंजीत गुप्ता, किशोरी पपनेजा, अशोक गेरा, गुरमीत सिंह, राजकुमार सुखीजा, कंवलजीत मिढ़ा, महेश सुखीजा, मोहित गेरा आदि की सक्रिय भागीदारी रही।
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