हाईकोर्ट ने जेपीएससी पर एक लाख हर्जाना लगाया
नियुक्ति मामला : असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के आदेश को बताया सही, एसटी उम्मीदवार की फीस जमा नहीं होने पर जेपीएससी ने रिजल्ट जारी नहीं किया

रांची। विशेष संवाददाता झारखंड हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर एसटी उम्मीदवार मनोज कच्छप की नियुक्ति के एकलपीठ के आदेश को सही बताते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग( जेपीएएससी) की अपील याचिका खारिज करते हुए एक लाख का हर्जाना भी लगाया है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाया। जुलाई 2018 में जेपीएससी ने नागपुरी भाषा के लिए एसटी उम्मीदवारों के लिए बैकलॉग वैकेंसी के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पदों के लिए विज्ञापन निकाला था।
इसके बाद दस्तावेजों की स्क्रूटनी में प्रार्थी को 85 में से 72.10 अंक मिला। लेकिन इंटरव्यू लिस्ट जारी होने पर मनोज कुमार कच्छप का नाम उसमें शामिल नहीं था। इसके बाद मनोज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। एकलपीठ ने मनोज कुमार कच्छप को इंटरव्यू में शामिल कराने का निर्देश जेपीएससी को दिया। साथ ही कहा था कि प्रार्थी का रिजल्ट इस याचिका के अंतिम आदेश से प्रभावित होगा। इसके बाद प्रार्थी को इंटरव्यू में शामिल कराया गया। जेपीएससी ने 23 दिसंबर 2021 को रिजल्ट जारी किया, लेकिन कोर्ट के आदेश के आलोक में एक पद पर रिजल्ट को रोक दिया गया। बाद में कोर्ट ने मनोज कुमार कच्छप का रिजल्ट मंगाया। जेपीएससी ने प्रार्थी के अंक सीलबंद कर कोर्ट में पेश किया। जिसमें कोर्ट को पता चला कि मनोज कुमार कच्छप उस पूरी परीक्षा में सबसे अधिकतम नंबर लाने वाला अभ्यर्थी है। जेपीएससी की ओर से बताया गया था कि जिस समय मनोज कुमार कच्छप ने अपनी परीक्षा फीस जमा की थी, उस समय स्टेटस फेल हो चुका था और पैसा जेपीएससी के अकाउंट में नहीं जमा हो सका था। इसलिए इनका कैंडिडेचर रद्द किया गया था। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ जेपीएससी ने खंडपीठ में अपील दायर की थी।
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