Veterinary Care Should Be Compassionate BAU Vice Chancellor Dr SC Dubey on World Veterinary Day संवेदना और समानुभूति के साथ हो पशुओं का इलाज: डॉ एससी दुबे, Ranchi Hindi News - Hindustan
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संवेदना और समानुभूति के साथ हो पशुओं का इलाज: डॉ एससी दुबे

रांची में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एससी दुबे ने विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर कहा कि पशुओं का इलाज संवेदना और सहानुभूति से होना चाहिए। उन्होंने पशु चिकित्सकों की जिम्मेदारी को रोग प्रबंधन से...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 26 April 2025 07:03 PM
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संवेदना और समानुभूति के साथ हो पशुओं का इलाज: डॉ एससी दुबे

रांची, विशेष संवाददाता। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि पशुओं का इलाज संवेदना और सहानुभूति के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सकों का दायित्व सिर्फ रोग प्रबंधन या नियंत्रण करना ही नहीं है, बल्कि पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए काम करना भी है। कुलपति ने ये बातें शनिवार को विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर बीएयू के वेटनरी कॉलेज में आयोजित समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि पशु-पक्षी अपनी तकलीफ और वेदना का व्यक्त नहीं कर सकते, उसे लक्षणों के आधार पर समझना पड़ता है, इसलिए पशु चिकित्सकों का कार्य मानव के चिकित्सकों से ज्यादा कठिन और चुनौतीपूर्ण है। कार्यक्रम में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव, कुलसचिव डॉ शैलेश चट्टोपाध्याय व वक्तृत्व कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाले छात्र राहुल यादव ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में वेटनरी कॉलेज सेवानवृत्त बुर्जुग शिक्षकों-डॉ स्वराज ठाकुर, डॉ चंद्रमणि प्रसाद, डॉ रवींद्र भक्त और पशु औषधि निर्माता कंपनी विरबैक के क्षेत्रीय व्यवसाय प्रबंधक श्याम सुंदर लाल को सम्मानित किया गया।

मौके पर पशु औषधि विभाग के अवकाशप्राप्त अध्यक्ष डॉ शमशुल हक ने कुत्तों में डायलिसिस की प्रक्रिया और महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सकों के पेशे को पहचान और सम्मान प्रदान करने के लिए विश्व पशु चिकित्सा संघ ने वर्ष 2000 में विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाने की शुरुआत की। संघ के वैश्विक बैनर के तहत दुनिया के 80 से अधिक संगठन प्रतिवर्ष अप्रैल माह के आखिरी शनिवार को यह दिवस मनाते हैं। बीएयू के पशुचिकित्सा संकाय के डीन डॉ एमके गुप्त ने कहा कि भारत में पशु-पक्षियों की आबादी भी मनुष्य के समान ही लगभग 140 करोड़ है, जिनकी सेवा के लिए मात्र 85 हजार पंजीकृत पशु चिकित्सक हैं। झारखंड में पंजीकृत पशु चिकित्सकों की संख्या केवल 957 है। इसलिए पशुओं के समुचित स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए मेडिकल और सर्जिकल वेटनरी सहायक, क्रिटिकल केयर के लिए आईसीयू सहायक, प्रयोगशाला और रेडियोग्राफी के लिए वेटनरी सहायक तथा इकोकार्डियोग्राफी, डायलिसिस आदि के लिए वेटनरी टेक्नीशियन स्पेशलिस्ट की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वेटनरी कॉलेजों में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और टेक्नीशियन पाठ्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता है।

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