Yoga and Sanskrit Training Workshop in Ranchi Importance of Eight Limbs of Yoga Discussed संपन्न जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता प्रसन्नता: स्वामी शिवानंद, Ranchi Hindi News - Hindustan
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संपन्न जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता प्रसन्नता: स्वामी शिवानंद

रांची में संस्कृत भारती के प्रशिक्षण वर्ग में स्वामी शिवानंद ने संगीत के माध्यम से प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया। उन्होंने योग के आठ अंगों के महत्व पर चर्चा की। प्रतिभागियों ने संस्कृत भाषा को आम जन...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीMon, 26 May 2025 07:28 PM
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संपन्न जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता प्रसन्नता: स्वामी शिवानंद

रांची, विशेष संवाददाता। संस्कृत भारती की ओर से आयोजित क्षेत्रीय प्रशिक्षण वर्ग में सोमवार को आर्ट ऑफ लिविंग के योगविद स्वामी शिवानंद ने संगीत के माध्यम से प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया और योग के महत्व की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि लोग आसन या प्राणायम करके यह मान लेते हैं कि योग की अवस्था पूर्ण हो गई, लेकिन जब तक हम योग के आठ अंगों का क्रमबद्ध पालन नहीं करेंगे, तब तक न तो योग की अवस्था ही पूर्ण हो सकेगी और न हम लाभ ही स्वीकार कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के सुखी समृद्ध और संपन्न जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है प्रसन्नता।

प्रसन्नचित्त व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतिभागियों ने शहर के पांच स्थानों पर मनमोहक संस्कृत, बाल गीत, सुभाषितों व लघु कथाओं के माध्यम से संस्कृत भाषा को आम जन तक पहुंचाने का प्रयास किया। प्रशिक्षकों में डॉ दीपचंद राम कश्यप, डॉ चंद्रमाधव सिंह, पृथ्वीराज सिंह, डॉ विनय पांडेय, जगदंबा प्रसाद, संदीप मिश्र, राम अचल यादव, चंदन, गोपाल, आशीष उपस्थित थे।

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