गर्व: राणा को भारत लाने में साहिबगंज की बेटी जया की अहम भूमिका
झारखंड की आइपीएस अधिकारी जया रॉय ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड तहब्बूर राणा को भारत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जया का जन्म साहिबगंज में हुआ और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से प्राप्त की।...

साहिबगंज। मुंबई हमले का मास्टर माइंड तहब्बूर राणा को भारत लाने में झारखंड के आइपीएस अधिकारी व वर्तमान में एनआइए डीआइजी जया रॉय की अहम भूमिका रही। जया का पैतृक मकान साहिबगंज है। यहां न केवल उनका जन्म हुआ है,बल्कि प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से हासिल की हैं। 2011 बैच की तेज तर्रार आइपीएस अधिकारी जया रॉय के पिता डॉ. एनआर राय यहां सितम्बर 1976 में रेलवे में बतौर मेडिकल ऑफिसर योगदान दिए थे। सितम्बर 2002 में जमालपुर से सेवानिवृत्त होने के बाद साहिबगंज के जेएन राय रोड स्थित निजी मकान में सपत्नीक रहने लगे। वैसे पत्नी की बीमारी के चलते उन्हें इधर कुछ महीनों से दिल्ली में बड़ी बेटी जया राय के पास ही रहना पड़ रहा है। इधर, पिता डॉ. एनआर राय बताते हैं कि जया यहां के संत जेवियर्स स्कूल से पांचवीं तक पढ़ाई करने के बाद 1990 में मसूरी के झाड़ीपानी स्थित ओकग्रोव रेलवे हिल स्कूल में दाखिल ली। वहां से मैट्रिक करने के बाद कोलकाता लेडी वेब्रॉन कॉलेज में दाखिल लिया। हालांकि कुछ महीने के बाद पुन: अपने पुराने स्कूल यानी झाड़ीपानी स्थित ओकग्रोव रेलवे हिल स्कूल चली आईं। वहां से प्लस टू करने के बाद दिल्ली के मिरांडा कॉलेज में ग्रेजुएशन के लिए दिखाला लीं। हालांकि कुछ ही समय के बाद मिरांडा कॉलेज को छोड़ पांडेचरी के मेडिकल कॉलेज में एमबीएस करने चली गईं। वहां से एमबीएस करने के बाद कुछ समय के लिए बीच में जया रॉय एमपीएच कोर्स (मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ) करने अमेरिका भी गई। लेकिन कुछ ही महीने में जया अमेरिका से लौट आईं और दिल्ली के एम्स में एमडी कोर्स में दाखिल ले लीं। एमडी करने के दौरान ही उनका चयन यूपीएससी में हो गया और वे 2011 बैच की आइपीएस अधिकारी बन गईं और उन्हें झारखंड कैडर मिला। पिता बताते हैं कि बेटी जया की पहली पोस्टिंग रांची सिटी एसपी के रूप में हुई। संताल परगना क्षेत्र में वो जामताड़ा एसपी के रूप में काम कर चुकी हैं। 2019 से ही जया दिल्ली में एनआइए में प्रतिनियुक्त हैं। इसी क्रम में उन्हें मुंबई हमले के मास्टर माइंड तहब्बूर राणा को अमेरिका से भारत लाने के लिए गठित महत्वपूर्ण टीम में शामिल किया गया। यह बड़ा चुनौतीपूर्ण काम था। जया राय ने इस काम को बखूबी अंजाम दिया।
फोटो 1, साहिबगंज के जेएन राय स्थित जया रॉय का पैतृक मकान।
फोटो 2, एनआइए डीआइजी जया रॉय(फाइल फोटो )
जनवरी 2023 में साहिबगंज आई थी जया
आइपीएस अधिकारी जया रॉय अंतिम बार जनवरी 2023 को साहिबगंज आई थीं। कुछ दिनों तक यहां रहने के बाद 27 जनवरी 2023 को यहां से माता-पिता को साथ लेकर
दिल्ली चली गई थीं। दरअसल, उस समय उनकी माताजी बीमार थीं। बेहतर इलाज के मकसद से ही दिल्ली ले गईं हैं। उस समय से उनके माता-पिता दिल्ली में ही साथ में हैं।
केस के सिलसिले में भी आ चुकी हैं साहिबगंज
सीआइडी में बतौर एसपी काम करने के दौरान जया रॉय एक बार छह साल पहले किसी केस के सिलसिले में साहिबगंज आई थीं। उनका यहां पुलिस लाइन में तत्कालीन एसपी से लम्बी बैठक हुई थी। साहिबगंज से बाहर रहने के बावजूद जया का यहां अपने परिवार व परिचित लोगों से रिश्ता हमेशा बना है ।
जया के ऑपरेशन पर बन चुकी है वेब सीरिज
बतौर एसपी जया रॉय जामताड़ा में पदस्थापित रखने के दौरान साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कई बड़ी कार्रर्वा की। उनकी कई कार्रवाई की आज भी चर्चा होती है। जया के इस ऑपरेशन पर वेब सीरिज जामताड़ा में भी बन चुकी है।
फोटो 04
आइपीएस अधिकारी जया रॉय बचपन से ही काफी इंटेलिजेंट हैं। क्लास फाइव तक हम दोनों यहां के संत जेवियर्स स्कूल में साथ पढ़ाई किए थे। उसके बाद जया आगे की पढ़ाई के लिए मसौड़ी चली गई थीं।
अमित तम्बाखुवाला
सहपाठी(जेवियर्स स्कूल)
साहिबगंज
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जया राय मैडम की उपलब्धि के बारे में सुनकर काफी खुशी हुई। वे यहां अंतिम बार जनवरी 2023 में आई थीं। माताजी के बीमार रहने पर मम्मी-पापा को साथ लेकर उस समय दिल्ली चली गई थी। उसी समय उनके माता-पिता दिल्ली में ही हैं।
अनिल सिंह
डॉ. एनआर राय का पारिवारिक स्टॉफ
साहिबगंज
फोटो 114
मुंबई हमले का मास्टर माइंड तहब्बूर राणा को भारत लाने के लिए गठित एनआइए की टीम में उनकी पुत्री जया रॉय का शामिल होना पूरे परिवार के लिए गर्व की बात है। बचपन से ही जया मेधावी व साहसी है। इनकी उपलब्धियों में यह नई कड़ी जुटी है।
डॉ. एनआर राय
जया राय के पिता
नोट: उपरोक्त खबरों को एकसाथ देना है।
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