Jharkhand Mukti Morcha Protests for Sarna Religion Code Amid Census Concerns सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड को मान्यता दिये बिना जनगणना नहीं करवाए: झामुमो, Saraikela Hindi News - Hindustan
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सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड को मान्यता दिये बिना जनगणना नहीं करवाए: झामुमो

सरायकेला में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। नेताओं ने कहा कि जब तक सरना कोड नहीं मिलता, तब तक जातिगत जनगणना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से सरना...

Newswrap हिन्दुस्तान, सराईकेलाTue, 27 May 2025 01:53 PM
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सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड को मान्यता दिये बिना जनगणना नहीं करवाए: झामुमो

सरायकेला।सरायकेला खरसावां जिला के झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला कमेटी की ओर से मंगलवार को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी ने कहा कि जब तक सरना कोड/ आदिवासी कोड नहीं मिल जाता तब तक जातिगत जनगणना नहीं होनी चाहिए. केंद्र सरकार को इस पर समीक्षा करने की बात कही गई। कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश में जातिगत जनगणना करवाने का निर्णय लिया गया है। झारखण्ड सरकार द्वारा सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड विधेयक को झारखंड विधानसभा से 11 नवंबर 2020 को एक विशेष सत्र आयोजित कर सर्वसम्मति से पारित किया था।

झारखण्ड विधान सभा से उक्त प्रस्ताव को पारित कर राज्यपाल के माध्यम से केन्द्र के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया था। लेकिन आज लगभग 05 वर्ष उपरान्त भी सरना/आदिवासी अस्मिता और पहचान से जुड़े इस विधेयक पर केन्द्र सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड विधेयक के प्रस्ताव का उद्देश्य 2021 की जनगणना में सरना/आदिवासी धर्म को एक अलग धार्मिक पहचान के रूप में मान्यता दिलाना है। मालूम हो कि सरना धर्म के अनुयायी प्रकृति पूजक होते हैं और वे स्वयं को हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं मानते। इस प्रस्ताव को पारित करने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा गया ताकि जनगणना में सरना/आदिवासी धर्म के लिए एक अलग कॉलम शामिल किया जा सके। लेकिन जब पहचान ही नहीं रहेगी तो जातीय जनगणना कराने का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। यह स्थिति आदिवासी समुदाय के प्रति भाजपा की मानसिकता को उजागर करती है। उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को एक मांग पत्र सौंपा। जिसमें कहा कि संवैधानिक प्रमुख होने के साथ-साथ आप हमारी अभिभावक भी हैं। आपसे यह मांग करते हैं कि आदिवासी समुदायों के अस्मिता और पहचान से जुड़े इस गंभीर विषय पर संज्ञान लेते हुए सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड विधेयक के लागू होने तक जनगणना को रोका जाय। जिससे आदिवासी समुदायों का अस्तित्व बचे। मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता गणेश महली के अलावा जिला के कई पदाधिकारी मौजूद है।

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