आत्मा की भाषा है नृत्य और संगीत: सि फुलरीदा डुंगडुंग
सिमडेगा के उर्सुलाइन कॉन्वेंट स्कूल में एक माह से चल रहे नृत्य एवं संगीत प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। कार्यक्रम में छात्रों ने विभिन्न नृत्य और संगीत कला का प्रदर्शन किया। प्राचार्या सिस्टर फुलरीदा...

सिमडेगा, प्रतिनिधि। उर्सुलाइन कॉन्वेंट स्कूल सामटोली में एक माह से चल रहे नृत्य एवं संगीत प्रशिक्षण शिविर का शुक्रवार को समापन किया गया। इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ यूसी सामटोली की प्राचार्या सिस्टर फुलरीदा डुंगडुंग सहित सि अन्ना मिंज, सि बेरनादेत कुजूर आदि ने संयुक्त रुप से दीप जलाकर किया। मौके पर सिमडेगा सहित अन्य जिलों के विभिन्न स्कूलों से पहुंचे छात्र-छात्राओं ने कथक, भरतनाट्यम, लोकनृत्य, शास्त्रीय संगीत और वाद्ययंत्र वादन जैसी विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बताया गया कि प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों द्वारा कला की बारीकियां सिखाई गईं।
शिविर के माध्यम से बच्चों ने न केवल अपनी प्रतिभा को निखारा, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और टीमवर्क जैसे गुणों का भी विकास किया। मौके पर सिस्टर फुलरीदा डुंगडुंग ने छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि “नृत्य और संगीत आत्मा की भाषा है। मुझे गर्व है कि हमारे विद्यालय में इतने प्रतिभावान बच्चे पहुंचे हैं। जो भविष्य में जिले और राज्य का नाम रोशन करेंगे।” उन्होंने कहा कि ऐसे शिविरों से बच्चों को अपनी पहचान बनाने का मौका मिलता है। स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ कला और संस्कृति को भी सम्मान महत्व दिया जाए। मौके पर विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सि मरिया स्वर्णलता कुजूर, सि उषा किरण कुजूर, फा फेडरिक कुजूर, सि कीर्ति किरण खेस, सि ज्योति किड़ो, सि नीलिमा बरला सहित अन्य उपस्थित थे। मौके पर मंच संचालन शिक्षिका नेहा रानी लकड़ा ने किया।
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