Tribals will become extinct in Jharkhand in 5 years claims ex CM Raghubar Das झारखंड के आदिवासियों को लेकर राज्य के पूर्व CM का बड़ा दावा, पेसा कानून की वकालत, Jharkhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsझारखंड न्यूज़Tribals will become extinct in Jharkhand in 5 years claims ex CM Raghubar Das

झारखंड के आदिवासियों को लेकर राज्य के पूर्व CM का बड़ा दावा, पेसा कानून की वकालत

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के आदिवासियों को लेकर बड़ा दावा किया है। आरोप लगाया कि झारखंड से आदिवासी संस्कृति को मिटाने की कोशिश की जा रही है। अगर यह जारी रहा तो पांच साल में राज्य से आदिवासी विलुप्त हो जाएंगे। उन्होंने राज्य में पेसा कानून लगाने की वकालत की।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, दुमकाSat, 7 June 2025 11:39 PM
share Share
Follow Us on
झारखंड के आदिवासियों को लेकर राज्य के पूर्व CM का बड़ा दावा, पेसा कानून की वकालत

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के आदिवासियों को लेकर बड़ा दावा किया है। आरोप लगाया कि झारखंड से आदिवासी संस्कृति को मिटाने की कोशिश की जा रही है। अगर यह जारी रहा तो अगले पांच साल में राज्य से आदिवासी विलुप्त हो जाएंगे। उन्होंने राज्य में पेसा कानून लगाने की वकालत की।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो झारखंड देश का पहला राज्य था जिसने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन, वर्तमान सरकार के तहत यह संगठन फल-फूल रहा है।

उन्होंने दावा किया कि करीब एक पखवाड़ा पहले केंद्र ने झारखंड सरकार को बिना देरी के पेसा कानून लागू करने का निर्देश दिया था, ताकि वह अनुसूचित क्षेत्रों के विकास के लिए 1400 करोड़ रुपये वितरित कर सके। लेकिन, राज्य सरकार नहीं चाहती थी कि यह कानून लागू हो।

दास ने कहा कि यह कानून आदिवासियों की सुरक्षा के लिए एक कवच है। उन्होंने पूछा कि किसके दबाव में पेसा अधिनियम को अभी तक यहां लागू नहीं किया जा सका? उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से आदिवासियों पर हर तरफ से हमला हो रहा है, वे निश्चित रूप से विलुप्त हो जाएंगे और झारखंड मिजोरम और नागालैंड जैसे राज्यों में बदल जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर पेसा कानून लागू होता है तो पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को कानूनी मान्यता मिलेगी। इससे उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक व्यवस्था को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी और आदिवासी समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।

दास ने कहा कि उन्होंने राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से कहा कि दलितों की स्थिति आदिम जनजातियों से भी बदतर है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुमो और कांग्रेस आदिवासियों का विकास नहीं चाहते हैं। वे चाहते हैं कि आदिवासी पिछड़े रहें और वे अपनी वोट बैंक की राजनीति जारी रखें।

वहीं, दास पर निशाना साधते हुए सत्तारूढ़ झामुमो ने कहा कि यह टिप्पणी राज्य के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के उद्देश्य से की गई है। झामुमो नेता तनुज खत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की भाषा का इस्तेमाल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के अलावा और कुछ नहीं है।