मां-बाप शादी से पहले बेटी को जरूर बता दें ये 5 बातें, ससुराल में हमेशा रहेगी खुश
- आचार्य चाणक्य के अनुसार शादी से पहले बेटी को कुछ बातें बताना बहुत जरूरी हैं। ये ना सिर्फ नए माहौल में एडजस्ट करने में मदद करेंगी बल्कि उसकी शादीशुदा जिंदगी भी खुशहाल बनी रहेगी।

शादी के बाद जब एक लड़की अपने ससुराल जाती है तो जाहिर है इस नए माहौल बीच एडजस्ट करना काफी मुश्किल हो जाता है। कुछ ससुराल वालों के एफर्ट्स और कुछ लड़की का बर्ताव और समझदारी यहां बहुत काम आते हैं। ऐसे में लड़की के पैरेंट्स का भी फर्ज बनता है कि उसे कुछ जरूरी बातें बताएं जो इस नए जीवन की शुरुआत में उसकी मदद करें। भारतीय इतिहास में हुए महान विद्वान और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने इस विषय पर भी अपनी नीतियों में खूब गहराई में लिखा। उन्होंने कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया जो उनके अनुसार हर माता-पिता को शादी से पहले अपनी बेटी से जरूर साझा करनी चाहिए। ये ना सिर्फ नए माहौल में उसे एडजस्ट करने में मदद करेंगी बल्कि जीवन के हर मोड़ पर उसे सही राह दिखाने और हिम्मत देने का भी काम करेंगी। आइए जानते हैं आचार्य द्वारा बताई गई इन जरूरी बातों के बारे में।
कभी ना करें आत्मसम्मान से समझौता
आचार्य चाणक्य के अनुसार माता-पिता को एक बात खुलकर अपनी बेटी से जरूर कहनी चाहिए कि वो किसी भी कीमत पर अपने आत्मसम्मान से समझौता ना करें। आचार्य कहते हैं कि व्यक्ति का आत्मसम्मान सबसे बड़ी चीज है। यदि उसने अपना आत्मसम्मान ही खो दिया तो उसकी अहमियत भी मिट्टी में मिल जाती है। दरअसल किसी भी रिश्ते में दोनों तरफ से सम्मान होना बहुत जरूरी है। अपना आत्मसम्मान दांव पर लगाकर किसी भी रिश्ते को नहीं बचाया जा सकता बल्कि ऐसा करने से आप अपनी और दूसरों की नजरों में उल्टा गिर ही जाते हैं।
रिश्तों को समझने की करें कोशिश
आचार्य चाणक्य के अनुसार माता-पिता को अपनी बेटी से रिश्तों की समझ के बारे में भी खुलकर बात करनी चाहिए। ससुराल में उसे कई नए रिश्ते मिलते हैं, सास-ससुर, देवर-ननद, जेठ-जेठानी और उसका जीवनसाथी। हर एक रिश्ते की अपनी एक मर्यादा है और आपको किस रिश्ते से कैसे डील करना है यह भी जानना बहुत जरूरी हो जाता है। ऐसे में बेटी को जरूर समझाएं कि वह किस रिश्ते से कैसे डील करें। हालांकि साथ ही उसे बताएं कि एफर्ट्स दोतरफा होंगे तभी बात बनेगी। रिश्तों में थोड़ा बहुत एडजस्टमेंट तो जरूरी है लेकिन हर बार खुद पीसना अच्छी बात नहीं।
आर्थिक रूप से रहें स्वतंत्र
हर इंसान के लिए फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना बहुत जरूरी है, वो चाहे लड़का हो या लड़की। ऐसे में अपनी बेटी को जरूर बताएं कि वो हमेशा आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहे। आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीति में इस बात के जिक्र किया है कि भले ही लड़की का ससुराल, मायके वालों से ज्यादा समृद्ध हो लेकिन फिर भी लड़की को अपनी आर्थिक स्वतंत्रता नहीं छोड़नी चाहिए। क्योंकि ऐसे में अगर कभी भी लड़की को पैसों की जरूरत होगी तो उसे किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और कहीं ना कहीं वो अपने फैसले भी खुद ले पाएगी।
संयम और शांति से लें काम
आचार्य चाणक्य के अनुसार रिश्तों को सही से चलाने के लिए संयम और शांति दोनों ही बहुत जरूरी गुण हैं। एक लड़की के लिए ससुराल के नए माहौल में एडजस्ट करना काफी मुश्किलभरा हो सकता है। लेकिन अपनी सूझबुझ और संयम से काम ले कर चीजों को सरल और रिश्तों को मधुर बनाया जा सकता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शादी से पहले अपनी बेटी को जरूर बताएं कि ससुराल में हुई छोटी-मोटी लड़ाइयों में संयम से काम लें और रिश्ते बनाए रखने के लिए थोड़ा शांत भी रहना पड़े तो रहें।
रिश्तों को दें समय
किसी भी रिश्ते को समय देना बहुत जरूरी है। ऐसे में शादी से पहले बेटी को यह जरूर बताएं कि वो ससुराल में हड़बड़ी में कोई फैसला लेने से बचें और हर रिश्ते को मान-सम्मान और समय दें। हर रिश्ते को समझने की कोशिश करें और अपनी शादीशुदा जिंदगी को सफल बनाएं। किसी भी तरह की जल्दबाजी शादीशुदा जीवन के लिए अच्छी नहीं है और साथ ही नए माहौल में ढलने के लिए भी थोड़ा समय देना जरूरी है।
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