क्या है 'कंटेनर बेबी सिंड्रोम'? नई मां को पता होने चाहिए इसके लक्षण, कारण और इलाज what is container baby syndrome symptoms causes and treatment makes kids mentally and physically weak, पेरेंटिंग टिप्स - Hindustan
Hindi Newsलाइफस्टाइल न्यूज़पेरेंट्स गाइडwhat is container baby syndrome symptoms causes and treatment makes kids mentally and physically weak

क्या है 'कंटेनर बेबी सिंड्रोम'? नई मां को पता होने चाहिए इसके लक्षण, कारण और इलाज

क्या आप जानते हैं लंबे समय तक पेरेंटिंग को आसान बनाने वाली कई चीजों का यूज आपके बच्चे के लिए कंटेनर बेबी सिंड्रोम की समस्या पैदा कर सकता है। जी हां, इन चीजों का अत्यधिक उपयोग शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास को नुकसान पहुंचा सकता है।

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानMon, 16 June 2025 12:58 PM
share Share
Follow Us on
क्या है 'कंटेनर बेबी सिंड्रोम'? नई मां को पता होने चाहिए इसके लक्षण, कारण और इलाज

बदलती लाइफस्टाइल और काम की व्यस्तता ने आजकल ना सिर्फ लोगों के खानपान पर असर डाला है बल्कि उनके रहन-सहन और बच्चों के परवरिश के तरीके को भी पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। तकनीकी सुविधाओं के इस युग में माता-पिता पेरेंटिंग को आसान बनाने के लिए बाजार में मिलने वाली कई आधुनिक चीजें जैसे बेबी वॉकर, कार सीट, झूला और स्टॉलर का यूज करते हैं। ये सभी चीजें ना सिर्फ बच्चे का मन बहलाते हुए उसे घंटों एक जगह बिठाए या लेटाए रखती हैं बल्कि माता-पिता के काम को भी आसान बना देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं लंबे समय तक इन चीजों का यूज आपके बच्चे के लिए कंटेनर बेबी सिंड्रोम की समस्या पैदा कर सकता है। जी हां, इन चीजों का अत्यधिक उपयोग शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं आखिर क्या है कंटेनर बेबी सिंड्रोम की समस्या इसके लक्षण, कारण और उपाय।

क्या है कंटेनर बेबी सिंड्रोम?

मेडिकल साइंस के अनुसार कंटेनर बेबी सिंड्रोम वह स्थिति है, जिसमें शिशु को लंबे समय तक किसी ऐसी जगह पर रखा जाता है जो उसकी स्वतंत्र गतिविधियों को सीमित कर देती हैं। ऐसा ज्यादातर बच्चे को कार सीट्स, झूले, स्टॉलर, बूस्टर चेयर में बैठते समय हो सकता है। ये सभी चीजें शिशु की गतिविधि को सीमित करके उसे एक जगह बंधकर रहने को मजबूर कर देते हैं। बच्चा जब अपने दिन का ज्यादातर समय इस तरह के कंटेनर्स में गुजारता है, तो उसकी मांसपेशियों का विकास, संतुलन, मोटर स्किल्स और मानसिक ग्रोथ में बुरा असर पड़ सकती है। इसी स्थिति को कंटेनर बेबी सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।

कंटेनर बेबी सिंड्रोम के कारण

-20 मिनट से ज्यादा एक ही स्थिति में किसी कंटेनर में रहना।

-कंटेनर बेबी सिंड्रोम के पीछे पेट के बल ना खेल पाना भी एक बड़ी वजह है। दरअसल, पेट के बल खेलने से बच्चों की गर्दन, पीठ और हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। लेकिन ऐसा ना होने पर उनका विकास रुक जाता है।

-कई बार माता-पिता अपनी व्यस्तता या सुविधा की वजह से बच्चे को घंटों झूले में छोड़कर अपना काम करते रहते हैं।

कंटेनर बेबी सिंड्रोम के लक्षण

-बच्चे की ग्रोथ देरी से होती है। जिसमें बच्चा देर से बैठना, रेंगना या चलना शुरू कर सकता है।

-घंटों तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से कई बार बच्चे की मांसपेशियां बहुत टाइट या कमजोर हो सकती हैं, जिससे शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है।

-बच्चे को कई घंटे अकेला छोड़ने से उसके भावनात्मक विकास में भी कमी आ सकती है।

-देर तक पीठ के बल लेटे रहने से बच्चे के सिर का पिछला हिस्सा चपटा हो सकता है।

कंटेनर बेबी सिंड्रोम का उपचार

-शिशु को रोजाना कम से कम एक घंटा जमीन पर पेट के बल लेटकर खेलने दें। ऐसा करने से उसके शरीर की सभी मांसपेशियां सक्रिय होंगी।

-कार सीट या झूला जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग यात्रा जैसी जरूरत पड़ने पर ही करें।

-अगर किसी वजह से आपको महसूस हो रहा है कि बच्चे का विकास जैसे बोलना, चलना या बैठना साथी बच्चों की तरह नहीं हो पा रहा है तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह लें।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।