Chanakya Niti: घर में क्लेश और बर्बादी ले कर आते हैं ऐसे लोग, बुलाने से पहले जरूर सोच लें!
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कुछ ऐसे लोगों का भी जिक्र किया है, जिन्हें भूलकर भी अपने घर नहीं बुलाना चाहिए। आचार्य के मुताबिक ये लोग घर में बर्बादी लाने का काम करते हैं।

'अतिथि देवो भवः' वाली हमारी भारतीय परंपरा में घर आए मेहमानों को भगवान का स्वरूप माना जाता है। घर में कोई भी आया हो उसे बैठाकर नाश्ता कराना और इस बात का पूरा ध्यान रखना कि उसे किसी तरह की परेशानी ना हो ये हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। बहरहाल, आपने नोटिस किया होगा कि कोई भी मेहमान अपने साथ एक तरह की एनर्जी ले कर आता है। किसी के आने से घर में खुशियां बिखर जाती हैं तो कोई आते ही घर में ऐसी मनहूसियत फैला जाता है कि क्लेश और बर्बादी का माहौल बन जाता है। ऐसे में आप किसे घर पर इनवाइट कर रहे हैं यह बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने बरसों पहले अपनी नीतियों में ऐसे लोगों का जिक्र कर दिया था, जिन्हें घर में कभी नहीं बुलाना चाहिए। आचार्य के मुताबिक ऐसे लोग घर में बर्बादी लाने का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं आचार्य के अनुसार ऐसे लोग कौन हैं-
दूसरों के दुख में खुश होने वाले लोग
अपने आसपास आपने ऐसे कई लोग देखे होंगे जिन्हें दूसरों को तकलीफ में देखकर मजा आता है। कोई जीवन में बुरे दौर से गुजर रहा है या अपनी दुख तकलीफ सुना रहा है, तो ये लोग उन्हें बड़े मजे ले कर सुनते हैं। कई बार तो कुछ ऐसी बातें भी जान बुझकर बोल देते हैं, जो सामने वाले को बहुत तकलीफ देती हैं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोग बड़े ही दुष्ट स्वभाव वाले होते हैं इसलिए इनसे दूरी बनाकर रहना ही अच्छा है। ऐसे लोगों को घर बुलाने का तो सोचना भी नहीं चाहिए क्योंकि ये अपने स्वार्थ के लिए कब आपके साथ कुछ बुरा कर दें, इसका पता लगाना मुश्किल है।
सिर्फ जरूरत के समय याद करने वाले लोग
ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो सिर्फ आपसे रिश्ता इसलिए रखते हैं कि आप उनके काम आ सकें। यानी जब आपको उनकी जरूरत होती है तब वो आसपास भी दिखाई नहीं पड़ते लेकिन जैसे ही उन्हें किसी चीज की जरूरत पड़ जाए, वो तुरंत आपके घर डेरा जमाना शुरू कर देते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों से भी दूरी बनाकर रखने में भी भलाई है। ऐसे लोगों को तो खासतौर से अपने घर नहीं बुलाना चाहिए क्योंकि ये सिर्फ तभी नजर आएंगे जब इन्हें आपसे कुछ चाहिए होगा।
स्वार्थी किस्म के लोगों से रहें दूर
आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोगों को भी अपने घर ज्यादा नहीं बुलाना चाहिए जो हमेशा सिर्फ अपने फायदे और स्वार्थ के बारे में सोचते हों। ऐसे लोगों का कोई ठिकाना नहीं कि कब ये अपने फायदे के लिए आपको बलि का बकरा बना दें। इन लोगों का पूरा ध्यान सिर्फ अपने फायदे पर होता है और ये हमेशा सिर्फ अपने से जुड़ी बातें करना ही पसंद करते हैं। अगर आपको अपने आसपास कोई इस तरह का इंसान दिखता है तो उससे दूरी बनाकर रहने में ही भलाई है।
दो मुंहे लोगों से दूरी भली
ऐसे लोग भी कभी ना कभी आपसे जरूर टकराए होंगे जो सामने कुछ और होते हैं और पीठ पीछे कुछ और। ये लोगों के सामने उनकी तारीफों के पुल बांधते हैं फिर पीठ पीछे जमकर बुराई करते हैं। आचार्य के अनुसार ऐसे लोगों को भी अपने घर बुलाने से बचना चाहिए। क्योंकि ये दूसरों की बुराई का पिटारा आपके घर के कर आएंगे और फिर आपसे कुछ बातें उगलवाने की कोशिश करेंगे। जहां आपने अपना कोई राज इनके सामने खोला, वहीं इन्हें अपना मसाला मिल जाएगा और ये कहीं और जा कर आपकी भी इसी तरह चुगली करते नजर आएंगे।
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