कांग्रेस में 3 तरह के घोड़े- रेस का, बारात का और लंगड़ा; राहुल गांधी ने बताया किसके साथ क्या होगा?
कांग्रेस में तीन तरह के घोड़े हैं- रेस का घोड़ा, बारात का घोड़ा और तीसरा लंगड़ा घोड़ा। अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि हमको इन्हें अलग करना ही होगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के काम पर बोलते हुए कहा कि हम लोग इसकी मदद से तय करेंगे कि किस घोड़े के साथ क्या करेंगे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि कांग्रेस में तीन तरह के घोड़े हैं- रेस का घोड़ा, बारात का घोड़ा और तीसरा लंगड़ा घोड़ा। अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि हमको इन्हें अलग करना ही होगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के काम पर बोलते हुए कहा कि हम लोग इसकी मदद से तय करेंगे कि किस घोड़े के साथ क्या करेंगे।
हमारी सेना लड़ने-मरने को तैयार, लेकिन...
राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये हमारी सेना है। ये लड़ने के लिए तैयार है। ये मरने के लिए तैयार है, लेकिन बीच में कुछ लोग उल्टे-सीधे बयान दे देते हैं। आगे राहुल गांधी ने बताया कि कौन लोग हैं, जो ऐसे बयान देते हैं।
विवादित बयान देने वालों पर क्या बोले राहुल
कुछ लोग ऐसे हैं जो फ्रस्ट्रेशन में दे देते हैं। कुछ लोग थोड़ा बीजेपी का भी काम कर लेते हैं। हमें कहीं ना कहीं से शुरूआत करनी ही होगी। इसलिए कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने निर्णय लिया है कि शुरुआत जिला और जिला अध्यक्ष के पद से होगी और वहां से उस शुरूआत से हम पार्टी को एमपी और गुजरात समेत अन्य हिस्सों में खड़ा करेंगे।
पहले मैं कहता था, दो टाइप के घोड़े हैं
राहुल गांधी ने कहा कि आपमें से ऐसे लोग होंगे जो पूरी शक्ति के साथ कांग्रेस के साथ काम करते होंगे। इनमें से कुछ लोग ऐसे भी होंगे, जो थक गए हैं, जिनका मूड नहीं है। जो ज्यादा टेंशन लिए हैं। अब रेस के घोड़े और बारात के घोड़े को अलग तो करना ही होगा। पहले मैं कहता था कि दो टाइप के घोड़े हैं। एक- रेस का घोड़ा है। कांग्रेस पार्टी कभी-कभी रेस के घोड़े को बारात में भेज देती है। ये कमलनाथ ने कहा है। कभी-कभी बारात के घोड़े को रेस की लाइन में खड़ा कर देती है।
तीसरा घोड़ा, किसके साथ क्या होगा?
राहुल ने मजाकिया लहजे में कहा कि एक तीसरी कैटेगरी भी होती है, लंगड़ा घोड़ा। तो ये छांटना है हमें, कि लंगड़ा घोड़ा कौन है, बारात वाला कौन है और रेस का कौन सा है। बारात वाले घोड़े को बारात में भेजना है, रेस वाले को रेस में डालना है। इसके बाद राहुल गांधी ने बताया कि लंगड़े वाले घोड़े को रिटायर करना है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में पार्टी में निष्क्रीय होते जा रहे कार्यकर्ताओं-नेताओं को इशारे में चेतावनी भी दे दी। राहुल गांधी ने कहा कि भइया ये लो थोड़ी सी घास खाओ, घास चरो, पानी पियो और बाकी घोड़ों को तंग मत करो। इसके बाद राहुल ने कहा कि जो लंगड़ा घोड़ा होता है और वो डिस्टर्ब करता है, उसके साथ जो होता है वो मैं नहीं कहूंगा। इस तरह हमें ये बदलाव लाने हैं।