पराली जलाने वाले किसानों को इस तारीख से नहीं मिलेगा सरकारी स्कीम का लाभ, CM यादव का आदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि पराली जलाने वाले किसानों को एक मई से राज्य में किसान कल्याण योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यादव ने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरता कम हो जाती है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि पराली जलाने वाले किसानों को एक मई से राज्य में किसान कल्याण योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यादव ने गुरुवार को इस मुद्दे को उठाया और कहा कि राज्य सरकार अगले साल पराली जलाने वाले किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल नहीं खरीदेगी।
उन्होंने राजस्व विभाग के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए कहा, "मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। फसल कटाई के बाद पराली जलाने की बढ़ती प्रवृत्ति ने वायु प्रदूषण सहित कई तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद अगर कोई किसान अपने खेत में पराली जलाता है तो उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलेगा।"
यादव ने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरता कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, मृदा संरक्षण और भूमि उत्पादकता सुनिश्चित करने के मद्देनजर राज्य सरकार का यह निर्णय एक मई से लागू होगा। दरअशल, इस साल रबी की फसल के बाद पराली जलाने के मामले में इजाफा हुआ है। इसी वजह से किसानों पर जुर्माना लगाने और एफआईआर दर्ज करने की गई। अब सरकार ने यह फैसला लिया है।
अफसरों के साथ की थी बैठक
मुख्यमंत्री ने भोपाल में राजस्व विभाग के अफसरों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने कई अहम निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पराली जलाने के मामलों में इजाफा होने से वायु प्रदूषण सहित पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। जमीन में मौजूद पोषत तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरक क्षमता में गिरावट आती है। यही वजह है कि सरकार ने पहले ही पराली जलाने को प्रतिबंधित कर चुकी है।
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