नाम किसी का, ITBP में नौकरी कर रहा कोई और; आदिवासी युवक के पेपर्स लगा शख्स ने किया फर्जीवाड़ा
- असली हरीसिंह ने बताया कि 9 साल पहले आगरा में उसकी मुलाकात भूरा गुर्जर से हुई थी, जिसने 10 बीघा जमीन देने का लालच देकर उसकी 8वीं की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ले लिए।

शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील के चकरा गांव में फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी पाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां भूरा गुर्जर नाम के युवक ने अनुसूचित जनजाति आरक्षण का फायदा उठाने के लिए हरीसिंह आदिवासी के दस्तावेज ले लिए और उन्हीं की मदद से फर्जी तरीके से ITBP (इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) में भर्ती हो गया। खास बात यह है कि वह पिछले एक साल से असम के सोनितपुर में पदस्थ है और अब जाकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
दरअसल यह मामला तब खुला जब ITBP अफसरों को युवक के हावभाव और भाषा पर शक हुआ। दस्तावेजों की जांच के दौरान पता चला कि उसने चकरा गांव का निवासी प्रमाण पत्र दिया था। जब प्रशासन ने सत्यापन कराया, तो असली हरीसिंह गांव में मिला। एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि ITBP को सूचना भेजी जा चुकी है और आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कराई जा रही है।

असली हरीसिंह ने बताया कि 9 साल पहले आगरा में उसकी मुलाकात भूरा गुर्जर से हुई थी, जिसने 10 बीघा जमीन देने का लालच देकर उसकी 8वीं की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ले लिए। भूरा गुर्जर ने इन्हीं दस्तावेजों पर अपनी फोटो लगाकर डिजिटल प्रमाण पत्र बनवा लिए और एसटी (अनुसूचित जनजाति) कोटे से बॉर्डर पुलिस में भर्ती हो गया।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि भूरा गुर्जर ने सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि अपने माता-पिता, पत्नी और दादा का आधार कार्ड भी हरीसिंह आदिवासी की पीढ़ियों के नाम से बनवा लिए। हालांकि, असली और नकली हरीसिंह के आधार नंबर अलग-अलग पाए गए। अब प्रशासन इस मामले में आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।