राजा रघुवंशी की हत्या वाले दिन क्या-क्या हुआ, किसने किया था पहला वार; सामने आई पूरी टाइमलाइन
मेघालय में राजा रघुवंशी की हत्या वाले दिन यानि 23 मई को क्या-क्या हुआ था। घटना वाले दिन की पूरी टाइमलाइन सामने आई है। राजा रघुवंशी पर पहला वार किसने किया था, इसका जवाब भी सामने आया है।

11 मई को शादी के बाद इंदौर का एक जोड़ इस इरादे से मेघालय पहुंचता है कि साथ में उनकी यह पहली यात्रा है। लेकिन इस यात्रा को यादगार बनाने का ख्वाब पाले जोड़े में से दोनों के इरादे अलग-अलग थे। एक राजा रघुवंशी था जो पत्नी सोनम के साथ मेघालय में बिताए वक्त पूरी जिंदगी याद रखना चाहता था, दूसरी तरफ सोनम थी जो अपने आशिक राज कुशवाहा के लिए राजा को अपने रास्ते से हटा देना चाहती थी। ऐसे में दोनों पहुंच चुके हैं मेघालय और आज 23 मई का दिन है। 23 मई के दिन ही मेघालय में राजा की हत्या कर दी गई। हत्या के दिन राजा और सोनम के साथ उन आरोपियों ने क्या-क्या किया? पूरी टाइमलाइन सामने आई है।
23 मई को क्या-क्या हुआ
राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी मेघालय पहुंचने के बाद शिपारा गेस्ट हाउस में रुके थे। 23 मई की सुबह साढ़े 5 बजे दोनों शिपारा गेस्ट हाउस से निकले और चेरापूंजी की तरफ चल पड़े। इसके थोड़ी ही देर बाद करीब 6 बजे सोनम ने विशाल चौहान को मैसेज किया। विशाल और बाकी के आरोपी भी उसी इलाके के एक होम स्टे में रुके हुए थे। मैसेज मिलने के बाद तीनो आरोपी उसी जगह के लिए निकल पड़े, जहां सोनम और राजा जा रहे थे।
सुबह करीब साढ़े 9 बजे के बाद तीनों हत्यारे सोनम और राजा के साथ मिले और दोनों से जान-पहचान बढ़ाते हुए दोस्ती कर ली। 10 बजे के करीब एक स्थानीय गाइड अल्बर्ट पीडी ने उन पांचों को एक जगह साथ देखा।
इसके बाद दोपहर करीब 12.30 बजे सोनम ने अपनी सास उमा रघुवंशी को फोन लगाया। फोन पर सोनम ने अपनी सास से बात की और बताया कि राजा का फोन डिस्चार्ज हो गया है। राजा ने अपनी मां से भी बात की। दोपहर 1 बजे पांचो वेई सावडोंग झरने की पार्किंग में पहुँचे।
दोपहर डेढ़ बजे के करीब सोनम ने झूठ बोला कि वह बहुत थक गई है और चढ़ाई के दौरान उसकी गति धीमी हो गई है, लेकिन राजा विशाल और आकाश के साथ आगे बढ़ता रहा। इन सबके बीच कुर्मी पीछे से निगरानी कर रहा था। तीनों साथ आगे बढ़ रहे थे कि तभी विशाल ने राजा के सिर के पीछे वार किया और जैसे ही राजा पीछे मुड़ा, विशाल ने धारदार हथियार से उसके माथे पर भी वार कर दिया।
दोपहर 2.15 बजे के करीब सोनम ने सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर किया। इसके बाद दोपहर 2.30 बजे के आसपास राजा का शव रियात अरलियांग में खाई में फेंक दिया गया। राजा का शव गहरी खाई में फेंकने के बाद सोनम अकेले स्कूटर पर निकली और बाकी तीनों दूसरी स्कूटर लेकर दूसरी तरफ चले गए।
दोपहर 3.30 बजे के आसपास तीनों फिर से मिले। सोनम ने उनमें से एक को यूपीआई के माध्यम से 15 हजार रुपए ट्रांसफर किए। पुलिस ने इस शख्स के बारे में बताया कि ये वो पैसे जितेंद्र रघुवंशी नाम के एक खाते के माध्यम से ट्रांसफर किए गए थे। सोनम के भाई गोविंद ने पुलिस को बताया है कि जितेंद्र उनका चचेरा भाई है। हत्या वाले दिन ही सोनम शिलॉन्ग चली गई और हत्यारे वहीं रुके रहे।
23 मई के बाद क्या हुआ?
राजा को जान से मरवाने के बाद 25 मई को सोनम कामाख्या एक्सप्रेस से इंदौर लौटी। 30 मई को तीनों आरोपी बिहार के रास्ते इंदौर लौटे। 1 जून को राजा का शव गहरी खाई से मेघालय पुलिस ने बरामद किया। इसके बाद 8 जून को पुलिस ने सोनम के प्रेमी राज कुशवाह और उसके चचेरे भाई अरविंद को इंदौर से गिरफ्तार किया गया। राजपूत को उत्तर प्रदेश के ललितपुर से गिरफ्तार किया गया। 9 जून को सोनम ने गाजीपुर में नौगंज पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया और उसी दिन कुर्मी को मध्य प्रदेश के बीना से गिरफ्तार किया गया। इस तरह राजा रघुवंशी हत्याकांड का सच परत दर परत बाहर आता रहा।