कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच मिली कश्मीर-लद्दाख की कमान
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को उत्तरी कमान सौंपी है। उत्तरी कमान को पाकिस्तान के साथ एलओसी और चीन के साथ एलएसी पर भी चौकसी रखनी होती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सेक्टर की जिम्मेदारी संभालने वाले उत्तरी कमान का नया प्रमुख नियुक्त कर दिया है। लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को उदयपुर स्थित नॉर्दर्न आर्मी कमांड का नया कमांडर-इन-चीफ बनाया गया है। सरकार ने 28 अप्रैल को उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी। पहलगाम हमले के तुरंत बाद वे सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ श्रीनगर भी पहुंचे थे।
कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा?
लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा भारतीय सेना के एक अनुभवी और प्रतिष्ठित इन्फैंट्री अधिकारी हैं, जिनका सैन्य करियर तीन दशकों से भी अधिक समय में फैला है। उन्होंने विभिन्न चुनौतीपूर्ण अभियानों में भाग लिया है, जिनमें ऑपरेशन पवन (श्रीलंका में भारतीय शांति सेना का मिशन), ऑपरेशन मेघदूत (सियाचिन ग्लेशियर अभियान), ऑपरेशन रक्षक (कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान) और ऑपरेशन पराक्रम (2001 संसद हमले के बाद सीमा पर तैनाती) शामिल हैं।
उत्तरी कमान को पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी चौकसी रखनी होती है, ऐसे में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील होगी।
प्रमुख जिम्मेदारियां और उपलब्धियां
प्रतीक शर्मा इससे पहले डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO), मिलिट्री सेक्रेटरी ब्रांच में वरिष्ठ पदों और हाल ही में सेना मुख्यालय, नई दिल्ली में स्थापित नए इन्फॉर्मेशन डायरेक्टोरेट में इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर के महानिदेशक रह चुके हैं। पहलगाम हमले के तुरंत बाद वे सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ श्रीनगर भी पहुंचे थे, जिससे उनकी रणनीतिक सोच और तत्परता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
वर्तमान स्थिति और चुनौती
प्रतीक शर्मा अब लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार का स्थान ले रहे हैं, जिनका 15 महीने का कार्यकाल पूरा हो चुका है। उनका कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन, अटारी-वाघा बॉर्डर का बंद होना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और उन्हें भारत छोड़ने का निर्देश देना शामिल है।