नेशनल हेराल्ड केस में ED का ऐक्शन, सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ दायर की चार्जशीट
नेशनल हेराल्ड मामले की जांच के तहत ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का नाम भी दर्ज किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का नाम भी आरोपी के तौर पर दर्ज किया गया है।
चार्जशीट 9 अप्रैल को विशेष अदालत में दाखिल की गई थी, जिसे विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने संज्ञान के बिंदु पर परखा। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख तय की है।
जज ने अपने आदेश में कहा, "प्रस्तुत अभियोजन शिकायत को संज्ञान के पहलू पर विचार के लिए 25 अप्रैल 2025 को आगे लिया जाएगा। उस दिन ईडी के विशेष वकील और जांच अधिकारी को केस डायरी भी अदालत में प्रस्तुत करनी होगी, ताकि अदालत उसे देख सके।"
इस केस में आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए गांधी परिवार ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की करोडों की संपत्ति पर धोखे से कब्जा कर लिया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी, यंग इंडियन में 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं। एजेएल वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार निकालती थी।
ईडी ने तेज की प्रक्रिया
ईडी ने हाल ही में इस केस के तहत 661 करोड रुपये की संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित इन प्रॉपर्टीज को कब्जे में लेने के लिए संबंधित रजिस्ट्रार्स को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। खासतौर पर दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस को लेकर कार्रवाई तेज हो गई है।
मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में स्थित हेराल्ड हाउस की सातवीं से नौवीं मंजिल तक जिस दफ्तर को जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड किराए पर चला रही है, उसे भी नोटिस देकर कहा गया है कि अब वह किराया ईडी को दिया जाए।
कैसे सामने आया यह मामला
इस मामले की जड़ 2014 में उन निजी केस जुड़ीं हैं जिसे बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार और उनके करीबी साथियों ने महज 50 लाख रुपये देकर 2000 करोड से ज्यादा की संपत्ति वाली कंपनी एजेएल को कब्जा कर लिया। ईडी ने नवंबर 2023 में 661 करोड रुपये की अचल संपत्ति और 90.2 करोड रुपये के शेयर अस्थायी रूप से अटैच किए थे, जिसे अप्रैल 2024 में एडजुडीकेटिंग अथॉरिटी ने भी मंजूरी दे दी थी।