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पंजाब में हिंसक होते-होते बचा किसान आंदोलन, हरियाणा में घुसने पर पुलिस का ऐक्शन; कल तक स्थगित

  • हरियाणा होते हुए दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों ने अपना पैदल मार्च रविवार तक के लिए स्थगित कर दिया है। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोले के कारण कई किसान घायल हो गए हैं। किसानों ने रविवार तक के लिए दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Fri, 6 Dec 2024 05:05 PM
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पंजाब में हिंसक होते-होते बचा किसान आंदोलन, हरियाणा में घुसने पर पुलिस का ऐक्शन; कल तक स्थगित

पंजाब से हरियाणा होते हुए दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों ने अपना पैदल मार्च रविवार तक के लिए स्थगित कर दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोले के कारण कई किसान घायल हो गए हैं। इसकी वजह से किसानों ने रविवार तक के लिए दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया है। पंधेर ने कहा, ‘कुछ किसानों के घायल होने के मद्देनजर हमने आज के लिए जत्था वापस बुला लिया है।’ किसान नेता ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण पांच से छह प्रदर्शनकारी किसान घायल हो गए। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमारे काफी नेता घायल हुए हैं। हमने जत्थे को वापस बुला लिया है। दिल्ली मार्च पर फैसला बाद में लिया जाएगा।

दरअसल 11 महीने से डटे किसानों ने आज शंभू बॉर्डर से पैदल ही दिल्ली कूच शुरू किया था। 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए अंबाला के शंभू बॉर्डर से रवाना हुआ था, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोक दिया क्योंकि किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं मिली है। इसके बाद किसानों ने बैरिकेड और कंटीले तार उखाड़ दिए। इस पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 7 किसान घायल हुए हैं।

इस ऐक्शन के बाद सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान संगठनों के दो मंच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा, एक बैठक के बाद अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे। पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही बहुस्तरीय अवरोधक लगाकर रोक दिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने और उन्हें अपने विरोध स्थल पर वापस जाने को मजबूर करने के लिए कई राउंड आंसूगैस के गोले दागे। किसान नेताओं ने दावा किया कि कुछ किसान घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

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हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने को कहा और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया। अंबाला जिला प्रशासन ने जिले में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। किसान फसलों के वास्ते न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। विभिन्न किसान यूनियन के झंडे थामे कुछ किसानों ने घग्गर नदी पर बनाए गए पुल पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई लोहे की जाली को नीचे धकेल दिया।

किसानों को रोके जाने पर बजरंग पूनिया भड़के

दिल्ली जाने से किसानों को रोके जाने पर बजरंग पूनिया भड़क गए हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पहले जब किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली आ रहे थे, तब आपने हल्ला मचाया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर किसान न आएं, अगर आना है तो पैदल आएं, अब जब किसान पैदल आ रहे हैं, तो आपको इससे भी दिक्कत है। असल में समस्या ट्रैक्टर-ट्रॉली की थी ही नहीं, तुम्हें दिक्कत तो किसानों से है। सच तो यह है कि आप किसानों को उनके हक देना ही नहीं चाहते लेकिन चिंता मत करिए, किसान अपने हक लेना बखूबी जानते हैं।