Farooq Abdullah Article 370 former raw chief as dulat book The Chief Minister and the Spy आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन कर रहे थे फारूक अब्दुल्ला: पूर्व RAW चीफ, India Hindi News - Hindustan
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आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन कर रहे थे फारूक अब्दुल्ला: पूर्व RAW चीफ

  • RAW के पूर्व प्रमुख की इस किताब में अब्दुल्ला से जुड़े कई किस्से मिलते हैं। एक था कि साल 1984 में इंदिरा गांधी की तत्कालीन सरकार ने अब्दुल्ला सरकार को बर्खास्त कर दिया था, 'जो एक धोखा था। इस बात को (अब्दुल्ला) ने हमेशा अपने दिल से लगाकर रखा।'

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानWed, 16 April 2025 01:19 PM
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आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन कर रहे थे फारूक अब्दुल्ला: पूर्व RAW चीफ

अनुच्छेद 370 को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला आर्टिकल 370 हटाए जाने का दबे आवाज में समर्थन कर रहे थे। हालांकि, इसे लेकर अब्दुल्ला ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। RAW यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख एस दुलत की किताब 'The Chief Minister and the Spy' में इसका जिक्र मिलता है।

अब्दुल्ला पिता पुत्र ने पीएम मोदी से की थी मुलाकात

दुलत लिखते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने से कुछ दिन पहले फारूक और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने लिखा, 'वहां क्या बातचीत हुई... कोई कभी नहीं जान पाएगा।' उन्होंने बताया कि सरकार के फैसले पर मुहर लगने के बाद अब्दुल्ला को 7 महीनों के लिए हिरासत में ले लिया गया था। इस दौरान दिल्ली ने उनके रूख की गहन जांच की थी। वह लिखते हैं, 'वो उन्हें नई वास्तविकता से वाकिफ कराना चाहते थे।'

किताब के मुताबिक, अब्दुल्ला ने दुलत से कहा था, 'हम मदद करते (प्रस्ताव पारित होने में)। हमें भरोसे में क्यों नहीं लिया गया?'

किताब में और क्या

RAW के पूर्व प्रमुख की इस किताब में अब्दुल्ला से जुड़े कई किस्से मिलते हैं। एक था कि साल 1984 में इंदिरा गांधी की तत्कालीन सरकार ने अब्दुल्ला सरकार को बर्खास्त कर दिया था, 'जो एक धोखा था। इस बात को (अब्दुल्ला) ने हमेशा अपने दिल से लगाकर रखा।' इस किताब में पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र आता है।

एक और धोखा

दुलत लिखते हैं, 'उमर के लिए वाजपेयी अपने पिता से बढ़कर हो गए थे।' उमर ही वाजपेयी के साथ विदेश यात्राओं पर जाते थे और उन्हें विदेश मामलों का जूनियर मंत्री भी बनाया गया था। इसके अलावा उन्हें कश्मीर के 'नए चेहरे' के तौर पर स्थापित किया जा रहा था। इधर, अब्दुल्ला उप राष्ट्रपति पद के लिए नॉमिनेट होने का इंतजार कर रहे थे। दुलत इसे 'धोखा' मानते हैं। वह लिखते हैं कि इन सब के बाद नई दिल्ली ने अब्दुल्ला से बातचीत जारी रखी।

अब्दुल्ला ने क्या किया

साल 2020 में जब अब्दुल्ला रिहा हुए, तो उन्होंने दिल्ली के फैसले का खुलकर समर्थन करने से इनकार कर दिया था। किताब के मुताबिक, वह दुलत से कहते हैं, 'मैं जो भी कहूंगा, संसद में कहूंगा।' हालांकि, इसके बाद उन्होंने गुपकर गठबंधन बनाया, जिसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती भी शामिल थीं। गठबंधन क्षेत्र की स्वायत्ता और राज्य की दर्जा की मांग करता रहा।

विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे का जिक्र कर रहे हैं। खबरें हैं कि वह इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी कई बार मुलाकात कर चुके हैं।