भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक कैसे बनी युद्धविराम पर सहमति, जानें इनसाइड स्टोरी
भारत द्वारा पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर रणनीतिक हमलों और अमेरिका के दबाव (आईएमएफ बेलआउट पैकेज) ने पाकिस्तान की सेना को तनाव कम करने पर विवश किया।

India-Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले तनावपूर्ण हालात शनिवार को एक फोन कॉल के साथ अचानक थम गए। यह फोन कॉल पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को दोपहर 3:35 बजे किया, जिसमें पाकिस्तान ने गोलीबारी और हवाई हमलों को रोकने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को भारत की ओर से भी सहमति मिली। हालांकि बाद में पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन किया, जिसकी पुष्टि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी की है।
भारत द्वारा पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर रणनीतिक हमलों और अमेरिका के दबाव (आईएमएफ बेलआउट पैकेज) ने पाकिस्तान की सेना को तनाव कम करने पर विवश किया। अमेरिका ने जनरल असीम मुनीर को स्पष्ट संकेत दिया कि यदि तनाव नहीं घटा तो आर्थिक सहयोग कठिन हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भारत के शीर्ष नेताओं विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों या एनएसए के बीच कोई प्रत्यक्ष संवाद नहीं हुआ।
यह तनाव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुआ था, जिसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत टारगेटेड हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में भारत ने केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। भारत के सैन्य सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के रावलपिंडी जैसे रणनीतिक ठिकानों तक पहुंचने की भारत की क्षमता को लेकर भी स्पष्ट संदेश दिया गया।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख से बात कर तनाव कम करने और भविष्य में वार्ता की संभावनाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया। अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस उस समय भारत में थे जब पहलगाम हमला हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी बात की।
शनिवार को एक प्रेस वार्ता में भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संकेत दिए कि यदि पाकिस्तान तनाव घटाने के संकेत देता है तो भारत की सेनाएं भी उसी दिशा में कदम उठाएंगी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व और क्षेत्र में शांति की दिशा में सक्रिय भूमिका के लिए आभार व्यक्त करते हैं। पाकिस्तान इस परिणाम को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हित में स्वीकार करता है।”