झारखंड का जगुआर, जामताड़ा की शेरनी; तहव्वुर राणा की वापसी के पीछे ये हैं NIA के दो अफसर
- NIA की यही टीम अमेरिका के साथ प्रत्यर्पण संधियों और कानूनी प्रक्रियाओं के तहत तहव्वुर राणा की भारत वापसी सुनिश्चित करने में जुटी रही।

मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दो वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई है। इनमें से एक इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) रैंक के अधिकारी और दूसरी डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) रैंक की अधिकारी हैं, जिन्होंने अमेरिका से राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई। हम बात कर रहे हैं NIA के IG आशीष बत्रा और DIG जया रॉय की, जो इस अहम मिशन की अगुवाई कर रहे हैं।
एनआईए की यह टीम रविवार को अमेरिका पहुंची थी। सूत्रों के अनुसार, डीआईजी जया रॉय ने मंगलवार शाम लॉस एंजिल्स में राणा की हिरासत लेने के लिए 'सरेंडर वारंट' पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद भारतीय टीम ने बुधवार सुबह राणा को एक विशेष विमान से भारत के लिए रवाना किया। बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन में तीन अन्य खुफिया अधिकारियों ने भी सहयोग किया।
आशीष बत्रा: अनुभवी अफसर, जिनका अनुभव मिशन की रीढ़
1997 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा झारखंड कैडर से हैं। वे वर्तमान में NIA में IG के पद पर कार्यरत हैं। उनकी प्रतिनियुक्ति वर्ष 2019 में पांच साल के लिए हुई थी, जिसे अब गृह मंत्रालय ने 15 सितंबर 2024 के बाद दो साल के लिए और बढ़ा दिया है। NIA में आने से पहले बत्रा झारखंड जगुआर (एक विशेष एंटी-इंसर्जेंसी यूनिट) के IG के रूप में 20 जनवरी 2018 से कार्यरत थे। वे झारखंड पुलिस के प्रवक्ता भी रह चुके हैं और IG अभियान की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभाली थी।
अपने करियर में उन्होंने कई अहम ऑपरेशनल और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है। उनकी शुरुआती तैनाती जहानाबाद में तीन महीने तक असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के तौर पर हुई थी। इसके बाद वे कोयल कारो और हजारीबाग के SP रहे। रांची में उन्होंने 19 महीनों तक सिटी SP की भूमिका निभाई और राज्यपाल की सुरक्षा में भी डेढ़ साल तक तैनात रहे।
जया रॉय: साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में मशहूर चेहरा
2011 बैच की आईपीएस अधिकारी जया रॉय भी झारखंड कैडर से हैं। वर्तमान में वे NIA में DIG के पद पर हैं। वर्ष 2019 में उन्हें चार साल के लिए सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) के तौर पर एजेंसी में प्रतिनियुक्त किया गया था। अब वे एजेंसी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं।
जया रॉय की सबसे चर्चित पोस्टिंग जामताड़ा में थी, जहां उन्होंने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। उनकी अगुवाई में किए गए उस ऑपरेशन को अब एक प्रमुख वेब सीरीज के रूप में भी दिखाया गया है, जिससे उनकी कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता को देशभर में पहचान मिली।
अमेरिका से प्रत्यर्पण की लंबी प्रक्रिया
NIA की यही टीम अमेरिका के साथ प्रत्यर्पण संधियों और कानूनी प्रक्रियाओं के तहत तहव्वुर राणा की भारत वापसी सुनिश्चित करने में जुटी रही। राणा पर 26/11 के आतंकी हमलों में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप है और भारतीय एजेंसियां उसे भारत लाकर पूछताछ करेंगे। यह मिशन न केवल कानूनी दृष्टिकोण से संवेदनशील है, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक कदम भी माना जा रहा है।
64 वर्षीय तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसको 2008 के मुंबई हमलों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए भारत प्रत्यर्पित किया गया है। एनआईए का आरोप है कि राणा ने अपने बचपन के दोस्त और सह-अभियुक्त डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई में हमले की योजना बनाने के लिए वीजा और एक नकली आव्रजन परामर्श फर्म स्थापित करने में मदद की थी। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।