भारत-फ्रांस के बीच सबसे बड़ा सौदा, 63 हजार करोड़ में 26 राफेल-मरीन विमानों की होगी खरीद
- राफेल-मरीन फाइटर जेट्स 4.5-प्लस जेनरेशन के मल्टीरोल विमान हैं, जो भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये विमान हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों तरह के मिशनों में माहिर हैं। इनकी टॉप स्पीड लगभग 2,200 किमी/घंटा है।

भारत और फ्रांस के बीच 28 अप्रैल को अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा होने वाला है। इसके तहत, भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-मरीन विमान खरीदे जाएंगे। डिफेंस सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि यह 63,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कॉन्ट्रैक्ट है, जिस पर दोनों पक्षों के सीनियर अधिकारी साइन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह इवेंट डिफेंस मिनिस्ट्री हेडक्वार्टर्स के साउथ ब्लॉक के बाहर आयोजित हो सकता है। फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नु रविवार शाम को भारत पहुंचेंगे और सोमवार देर रात वापस लौट जाएंगे।
9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मीटिंग हुई थी। इस दौरान, नई दिल्ली ने 26 राफेल-मरीन कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के लिए डील को मंजूरी दी, जो सरकार-से-सरकार के बीच होने वाला समझौता है। इस करार में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर विमान शामिल हैं। साथ में फ्लीट मेंटेनेंस, लॉजिस्टिक सपोर्ट, पर्सनल ट्रेनिंग और स्वदेशी कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग का पूरा पैकेज भी होगा। ये फाइटर जेट INS विक्रांत से ऑपरेट करेंगे और मौजूदा मिग-29 K फ्लीट को सपोर्ट करेंगे। भारतीय वायुसेना के पास पहले से 2016 में साइन किए गए एक अलग सौदे के तहत 36 राफेल विमान हैं, जो अंबाला और हाशिमारा बेस से ऑपरेट होते हैं।
भारत में कितनी हो जाएगी राफेल विमानों की संख्या
26 राफेल-मरीन की इस डील से भारत में राफेल विमानों की कुल संख्या 62 हो जाएगी। इस तरह, भारतीय हथियारों में 4.5-प्लस जेनरेशन के विमानों की तादाद बढ़ेगी। भारतीय वायुसेना जल्द ही मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए नया टेंडर जारी करने वाली है। हालांकि, वायुसेना अपनी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए खास विमान को लेने में दिलचस्पी दिखा रही है। सेना का प्रयास लगातार अपनी ताकत को पहले से कहीं अधिक मजबूत करने पर है।
राफेल-मरीन फाइटर विमान की क्षमता जानें
राफेल-मरीन फाइटर जेट्स 4.5-प्लस जेनरेशन के मल्टीरोल विमान हैं, जो भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये विमान हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों तरह के मिशनों में माहिर हैं। इनकी टॉप स्पीड 1.8 मैक (लगभग 2,200 किमी/घंटा) है। ये 50 हजार फीट तक की ऊंचाई पर ऑपरेट कर सकते हैं। राफेल-मरीन में अडवांस्ड AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और मल्टी-सेंसर डेटा फ्यूजन है, जो इसे बेहतर टारगेट डिटेक्शन और सटीक हमले की क्षमता देता है। ये जेट्स मेटियोर और माइका मिसाइल्स, लेजर-गाइडेड बम और एंटी-शिप मिसाइल्स जैसे हथियार ले जा सकते हैं। इनकी रेंज 3,700 किमी है, जो लंबे मिशनों के लिए आदर्श है।