जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में मोदी सरकार? दूसरे दलों से भी बात
सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी शुरू कर दी है। उनके घर पर भारी मात्रा में कैश पाया गया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ अगले संसद के सत्र के दौरान महाभियोग का प्रस्ताव लाया जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहने के दौरान कथित तौर पर उनके आवास पर बड़ी मात्रा में जला हुआ कैश पाया गया था। इसके बाद तीन जजों की कमेटी ने भी पाया कि उनपर लगे आरोप सही हैं। पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना ने 8 मई को ही जांच की रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दी थी। अब सरकार के ही सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने अगले संसद के सत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर अन्य दलों से चर्चा शुरू कर दी है।
सीजेआई ने 22 मार्च को इस मामले की जांच करने के लिए कमेटी बनाई थी। 5 अप्रैल को जस्टिस वर्मा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ले ली। इस तरह के आरोपों के बीच उनके ट्रांसफर को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। सीपीआई के महासचिव डी राजा ने कहा कि न्यायपालिका की विश्वसनीयता को बचाकर रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में वह जस्टिस वर्मा के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन करते हैं।
बीते महीने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी इस मामले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इतने दिन बीतने के बाद जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हो पाई। उपराष्ट्रपति ने कहा, लुटियन्स दिल्ली में रहने वाले एक जज के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद हुए। लेकिन अब तक कोई एफआईआर तक नहीं हुई। देश में हर कोई सोच रहा है कि क्या समय के साथ मामला दब गया। उन्होंने कहा कि एक न्याय व्यवस्था पर सबको न्याय देने की जिम्मेदारी है। लोग जानना चाहते हैं कि यह पैसा कहां से आया था और कौन दोषी है। उन्होंने कहा, क्या इससे न्याय व्यवस्था दूषित नहीं होती है। इसमें बड़ी शार्क कौन है? दो महीने बीत चुका है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कुछ कदमों की सराहना भी की थी।
जस्टिस वर्मा ने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने उन्हें दोषी ठहराया। विवाद के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किए गए न्यायमूर्ति वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा।