16 दिन पहले रेकी, 4 से 5 आतंकियों ने दहलाई घाटी; पहलगाम हमले में मरने वालों की सूची
- पहलगाम आतंकी हमले को लेकर खुफिया जानकारी सामने आई है कि 16 दिन पहले इलाके की रेकी की गई थी। हमले को 4 से 5 आतंकियों ने अंजाम दिया था। हमले में मारे गए सैलानियों की पूरी लिस्ट आई है।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में सैलानियों की चहलकदमी अचानक गोलियों की गूंज में बदल गई। दोपहर करीब 2:30 बजे वर्दी में आए 4 से 5 आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी भी शामिल थे। आतंकी हमले में मारे गए सैलानियों की पूरी लिस्ट सामने आई है। इसमें महाराष्ट्र के 4, गुजरात के तीन और कर्नाटक के दो सैलानी शामिल हैं।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह सऊदी अरब से लौटते ही दिल्ली एयरपोर्ट पर सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।
पीएम मोदी ने लिया हालात का जायजा
सूत्रों के अनुसार, जैसे ही प्रधानमंत्री का विमान उतरा, अधिकारियों ने उन्हें हमले की स्थिति, शुरुआती जांच और मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। यह बैठक एयरपोर्ट पर ही एक विशेष सुरक्षा घेरे में आयोजित की गई, ताकि पीएम को बिना देरी हालात का पूर्ण जायजा दिया जा सके।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाएं और इस हमले के पीछे शामिल आतंकी नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई हो।
हमले में इन सैलानियों ने गंवाई जान
पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों में इंदौर के सुशील नथयाल, पहलगाम के सैयद आदिल हुसैन शाह, मुंबई के हेमंत सुहास जोशी, करनाल हरियाणा के विनय नरवाल, ठाकुरवाड़ी डोम्बिल वेस्ट के अतुल श्रीकांत मोनी, उत्तराखंड के नीरज उधवानी, कोलकाता पश्चिम बंगाल के बितेन अधिकारी, नेपाल के सुदीप न्योपाने, कानपुर के शुभम द्विवेदी, मालाश्वर ओडिशा के प्रशांत कुमार, बिहार के मनीष रंजन (आईबी अधिकारी), केरल के एन रामचंद्रन, ठाणे मुंबई के संजय लक्ष्मण, चंडीगढ़ के दिनेश अग्रवाल, कोलकाता के समीर गुहार, मुंबई के दिलीप दसाली, विशाखापट्टनम के सचेंद्र मोली, बेंगलुरु के मधुसूदन, पुणे के संतोष जगधा, कर्नाटक के मंजुनाथ राव, पुणे के कस्तूबा गवंटोये, बेंगलुरु के भारत भूषण, गुजरात भावनगर के सुमित परमार और यतेश परमार, अरुणाचल प्रदेश के तगेहायलिंग (एयरफोर्स कर्मी) और सूरत गुजरात के शेलेशभाई हिम्मतभाई कलाठिया शामिल हैं।
हमले से पहले की गई थी रेकी
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जताई है कि आतंकियों ने हमले से करीब 16 दिन पहले इलाके की रेकी की थी। ऐसी जानकारी मिली है कि 1 से 7 अप्रैल के बीच आतंकियों ने इलाके की रैकी थी। यह भी खबर है कि पहलगाम के ऊपरी इलाकों में हिमपात कम होते ही आतंकियों के लिए पहाड़ी रास्ते खुल गए थे। संदेह है कि ये आतंकी पहाड़ों से नीचे उतरकर बैसारन पहुंचे।
स्थानीय गाइड की भूमिका पर सवाल
जांच में यह भी सामने आया है कि इन आतंकियों में से 3 विदेशी थे, जबकि एक स्थानीय आतंकी उनकी 'गाइड' की भूमिका में था। उसने ही पर्यटकों की आवाजाही और घाटी में सुरक्षा की स्थिति की जानकारी दी।