8 साल की बच्ची से रेप और हत्या, डेढ़ साल में ही दोषी को फांसी की सजा; चंडीगढ़ जिला अदालत का फैसला
नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में चंडीगढ़ जिला अदालत ने पहली बार डेढ़ साल में ही दोषी को फांसी की सजा सुना दी है।

चंडीगढ़ जिला अदालत ने 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म और निर्मम हत्या करने वाले आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। यह पहला मामला है, जब चंडीगढ़ की किसी अदालत ने किसी दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को मृत्यु दंड दिया है। दोषी हीरा लाल उर्फ गुड्डू बच्ची का पड़ोसी था और घटना के समय उसी इलाके में रह रहा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 376 (दुष्कर्म) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
अदालत में मुकदमा तेजी से चला और महज डेढ़ साल के अंदर मामले का निपटारा कर दिया गया। अदालत ने उसे सोमवार को दोषी करार दे दिया था। अदालत ने इस जघन्य अपराध को दुर्लभतम मामलों में से एक करार देते हुए कड़ा रुख अपनाया और कहा कि ऐसी घटनाएं समाज को झकझोर देती हैं और बच्चियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती हैं। यह कांड किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम हत्या ने मानवता को शर्मसार किया है। ऐसे मामलों में नरमी दिखाना न्याय नहीं, अन्याय होगा। वहीं, परिजनों ने फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि न्याय मिल गया लेकिन उनकी बच्ची उन्हें कभी वापस नहीं मिलेगी।
घर से गायब बच्ची का सुनसान इलाके से बरामद हुआ था शव
पिछले वर्ष 2024 में आठ साल की मासूम बच्ची अचानक अपने घर के पास से लापता हो गई थी। काफी तलाश के बाद उसका शव पास के एक सुनसान इलाके से बरामद हुआ। प्रारंभिक जांच में बच्ची के साथ दुष्कर्म और फिर गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर हीरा लाल उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार किया था। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी नशे का आदी है और पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। उसने कबूल किया कि उसने दुष्कर्म कर बच्ची का सिर दीवार पर पटक कर उसकी हत्या कर दी थी।
पुलिस की पेशेवर जांच से मजबूत पैरवी
स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कोर्ट में आरोपी की मानसिक विकृति और घटना की क्रूरता को उजागर करते हुए सख्त सजा की मांग की। जज ने भी माना कि आरोपी ने बच्ची के साथ जिस क्रूरता से व्यवहार किया, वह समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करता है। इस केस में चंडीगढ़ पुलिस की तत्परता और पेशेवर जांच की सराहना हो रही है। सीमित समय में चार्जशीट दाखिल कर अदालत में मजबूत पैरवी की गई, जिसके चलते आरोपी को दोषी करार दिया जा सका। (रिपोर्ट- मोनी देवी, लाइव हिन्दुस्तान)