कैमरून में कप सिरप से मौत मामले में बड़ा एक्शन, भारत में इसे बनाने पर रोक का आदेश
WHO ने कैमरून को सप्लाई किए गए खांसी सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया था। इसमें कहा गया कि विश्लेषण में मिला कि उत्पाद में मिलावट के रूप में डाईथाइलीन ग्लाइकोल अस्वीकार्य मात्रा में है।

फार्मा कंपनी राइमन लैब्स को खांसी का सिरप बनाने से मना कर दिया गया है, जो कि कैमरून में बच्चों की मौत से जुड़ी दवा है। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने मध्य प्रदेश के राज्य औषधि नियंत्रकों के साथ मिलकर यह निर्देश जारी किया। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैमरून के मामले में सीडीएससीओ, एसएलए के साथ सब-जोन इंदौर ने मैसर्स राइमन लैब्स की पड़ताल की थी। मध्य प्रदेश राज्य औषधि नियंत्रक के नतीजों के आधार पर फर्म को मैन्युफैक्चरिंग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 19 जुलाई को कैमरून को आपूर्ति किए गए खांसी सिरप को लेकर एक अलर्ट जारी किया था। इसमें कहा गया था कि विश्लेषण में पाया गया है कि उत्पाद में मिलावट के रूप में डाईथाइलीन ग्लाइकोल अस्वीकार्य मात्रा में मिला। नेचरकोल्ड के निर्माताओं ने पेरासिटामोल, फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड और क्लोरफेनिरामाइन मैलेट को एक्टिव इंग्रेडिएंट्स के रूप लिस्टेड किया है। इन तीनों के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल फ्लू, सामान्य सर्दी और एलर्जिक राइनाइटिस से जुड़े लक्षणों से राहत के लिए होता है।
हरियाणा सरकार ने भी लिया एक्शन
मालूम हो कि भारत में बने कफ सिरप से कथित तौर पर पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में क्रमशः 66 और 18 बच्चों की मौत से जुड़े थे। गाम्बिया के मामले में सीडीएससीओ और राज्य औषधि नियंत्रक, हरियाणा की ओर से संयुक्त जांच की गई थी। इस दौरान दवा निर्माण को लेकर निर्धारित पैमानों के उल्लंघन का पता चला। ऐसे में राज्य औषधि नियंत्रक, हरियाणा ने ड्रग्स रूल 1945 के नियम 85 (2) के तहत मेडेन फार्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साथ ही सभी तरह की मैन्युफैक्चरिंग को रोकने का आदेश जारी किया गया।
यूपी में भी सामने आया ऐसा मामला
इसके अलावा, उज्बेकिस्तान के मामले में सीडीएससीओ ने राज्य औषधि नियंत्रक, उत्तर प्रदेश के समन्वय से मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में संयुक्त जांच की थी। टेस्ट और विश्लेषण के लिए औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के के तहत मैन्युफैक्चरिंग परिसर से दवा के सैंपल लिए गए थे। इसके अलावा, फर्म का विनिर्माण लाइसेंस 9 जनवरी, 2023 को राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश की ओर से रद्द कर दिया गया। इसे लेकर 2 मार्च को संबंधित पुलिस स्टेशन में FIR भी दर्ज की गई है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)