‘दिल्ली के शीर्ष नौकरशाहों को जेल जाने से बचाने को…’ सौरभ भारद्वाज का BJP पर तीखा हमला
‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में नौकरशाहों के ट्रांसफर को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ सरकार के दौरान जानबूझकर जनहित की योजनाएं रोकने वाले शीर्ष नौकरशाहों को अब जेल जाने से बचाने के लिए दिल्ली से बाहर भेजा जा रहा है।

आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में नौकरशाहों के ट्रांसफर को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि ‘आप’ सरकार के दौरान जानबूझकर जनहित की योजनाओं को रोकने वाले शीर्ष नौकरशाहों को अब जेल जाने से बचाने के लिए दिल्ली से बाहर भेजा जा रहा है।
‘आप’ नेता ने कहा कि फाइनेंस सेक्रेटरी ए.सी. वर्मा और हेल्थ सेक्रेटरी दीपक कुमार ने पेंशन और सैलरी से लेकर स्वास्थ्य योजनाओं तक कई अहम प्रोजेक्ट को रोक दिया था, जिससे दिल्ली के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अब जब भाजपा सत्ता में है, तो उन्हीं अधिकारियों को कानूनी बंधन का सामना करना पड़ रहा है। वो अफसर या तो उस फंड को क्लियर करें जिसे उन्होंने एक बार रोक दिया था, या फिर जेल जाने का जोखिम उठाएं। इसके चलते सरकार को उन्हें चुपचाप बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "पिछले दो सालों से दिल्ली की चुनी हुई सरकार बार-बार कह रही थी कि कुछ आईएएस अधिकारी जानबूझकर दिल्लीवासियों के लिए बनाई गई जनकल्याणकारी योजनाओं में बाधा डाल रहे हैं। चुनी हुई सरकार ने बार-बार इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, उन्हें सस्पेंड करने और दिल्ली से हटाने की मांग की थी। ये अधिकारी भाजपा की मदद करने के लिए दिल्ली के कामकाज को ठप करने की साजिश कर रहे थे। यह एक सोची-समझी साजिश थी।"
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “फाइनेंस सेक्रेटरी आशीष चंद्र वर्मा और हेल्थ सेक्रेटरी एस.बी. दीपक कुमार ऐसे दो अधिकारी थे। कई मौकों पर चुनी हुई सरकार, मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने कहा कि ए.सी. वर्मा जानबूझकर दिल्ली की कई योजनाओं को रोक रहे थे।”
उन्होंने कहा, "उन्होंने सबसे पहले दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के हजारों करोड़ रुपये के बजट को रोक दिया। उन्होंने डीजेबी की सभी परियोजनाओं के लिए फंड रोक दिया, जिसके कारण सीवरेज मशीनरी की खरीद नहीं हो सकी, चल रही परियोजनाएं रुक गईं और ट्यूबवेल और पानी की पाइपलाइन लगाने जैसे कामों के पेमेंट रोक दिए गए।"
सर्विस डिलीवरी पर इसके के बारे में बताते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिन ठेकेदारों ने पहले ही काम पूरा कर लिया था, उनके पेमेंट रोक दिए गए। नतीजतन, इन ठेकेदारों ने नए ठेके लेने से इनकार कर दिया। इसी तरह, फाइनेंस डिपार्टमेंट ने वृद्धावस्था पेंशन रोक दी।
उन्होंने कहा, “मोहल्ला क्लीनिकों के स्टाफ की सैलरी महीनों तक रोक दी गई। यहां तक कि एमसीडी चुनावों से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिकों के बिजली बिल और किराया भी रोक दिया गया। योग ट्रेनर्स की सैलरी रोक दिया गया और बस मार्शलों की सैलरी रोक दी गई और बाद में उन्हें पूरी तरह से हटा दिया गया।”
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रों को मिलने वाली वित्तीय सहायता रोक दी गई। डीटीसी पेंशनरों और कर्मचारियों की पेंशन और सैलरी रोक दी गई। फरिश्ते योजना के तहत एक्सीडेंट के घायलों का मुफ्त इलाज किया जाता था - लेकिन उस योजना के फंड भी रोक दिए गए।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को मुफ्त जांच और सर्जरी के लिए पेमेंट रोक दिया गया है, जिससे दिल्ली के लोगों को परेशानी हो रही है। यह सब फाइनेंस डिपार्टमेंट द्वारा किया गया, जब आशीष चंद्र वर्मा सचिव थे। उन्होंने इन जन कल्याणकारी योजनाओं को रोकने के लिए फाइलों पर मनमाने और निराधार आपत्तियां लिखीं।
मौजूदा राजनीतिक हालत पर सौरभ भारद्वाज ने कहा, "अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है, ऐसे में आशीष चंद्र वर्मा के सामने यह दुविधा है कि वो अब उन्हीं कामों को कैसे मंजूरी देंगे, जिन्हें उन्होंने पहले रोका था? अगर वो अब उन फंड को जारी करते हैं, जिन्हें उन्होंने पहले रोका था, तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा, क्योंकि जब आप पूरे साल झूठी आपत्तियों का हवाला देकर पब्लिक फंड को रोके रखते हैं और फिर अचानक उस फैसले को पलट देते हैं, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी बदल गई है, तो यह विरोधाभास अब रिकॉर्ड में है। यह सब फाइलों में है। एक तरफ उन्होंने एक बात लिखी और दूसरी तरफ वे उसका उल्टा कर रहे हैं। इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ेगा।''
‘आप’ के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया, "आशीष चंद्र वर्मा को जेल जाने से बचाने के लिए अब किसी और से फाइल पर लिखवाया जा रहा है कि आशीष चंद्र वर्मा ने जो पहले कहा था वह गलत था और पैसा असल में जारी किया जाना चाहिए। यही कारण है कि अब आशीष चंद्र वर्मा का ट्रांसफर किया जा रहा है।"