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दिल्ली भी थी निशाने पर, तहव्वुर राणा को NIA रिमांड देते वक्त क्या बोली अदालत?

दिल्ली की अदालत ने तहव्वुर राणा को एनआईए को रिमांड पर देते हुए कहा था कि साजिश भारत की सीमाओं के बाहर तक फैली है। इसमें देश के विभिन्न शहरों को टार्गेट के रूप में चिह्नित किया गया था।

Krishna Bihari Singh एएनआई, नई दिल्लीTue, 15 April 2025 12:30 AM
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दिल्ली भी थी निशाने पर, तहव्वुर राणा को NIA रिमांड देते वक्त क्या बोली अदालत?

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने आतंकी हमले के लिए दिल्ली को चिह्नित किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पाकिस्तानी-कनाडाई तहव्वुर राणा को NIA को रिमांड पर देते हुए कहा था कि पेश किए गए सबूत संकेत देते हैं कि कथित साजिश भारत की सीमाओं के बाहर तक फैली है। इसमें दिल्ली समेत विभिन्न शहरों में कई स्थानों को टार्गेट के रूप में चिह्नित किया गया था। अदालत ने सबूतों की गंभीरता की ओर इशारा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि साजिश राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।

विशेष न्यायाधीश चंदरजीत सिंह की अदालत ने कहा कि इस बारे में जांच एजेंसी द्वारा पर्याप्त सबूत अदालत के सामने रखे गए हैं। आरोप राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हैं। अदालत ने 12 पन्नों के आदेश में उल्लेख किया है कि रिकार्ड पर पेश की गई सामग्री दर्शाती है कि इस साजिश का विस्तार भारत की भौगोलिक सीमाओं से बाहर तक था। साजिश में दिल्ली समेत देश के कई शहरों के विभिन्न स्थानों के रूप में कई लक्ष्यों को चिह्नित करने की कोशिश की गई थी।

मामले की तह तक जाने और साजिश में तथ्यों को उजागर करने के लिए राणा से लगातार हिरासत में पूछताछ जरूरी है। आरोपी का प्रमुख गवाहों, फोरेंसिक सबूतों और जब्त दस्तावेजों के साथ आमना-सामना कराने की जरूरत है। इससे आरोपी के खिलाफ एक व्यापक मामला बनाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इसके साथ ही अदालत ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा।

अदालत हर 48 घंटे में राणा की मेडिकल जांच समेत कानूनी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया। प्रत्यर्पण के दौरान किए गए वादों के मद्देनजर अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि तहव्वुर राणा को उचित मेडिकल केयर दी जाए। बता दें कि तहव्वुर राणा के खिलाफ आरोपों में कई शहरों में आतंकी वारदातों की साजिश शामिल है। उसके खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश (धारा 120-बी, पहले धारा 121 आईपीसी), हत्या की साजिश (धारा 120-बी को पहले धारा 302 आईपीसी) के आरोप हैं।

उस पर धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी की साजिश (धारा 120-बी पहले धारा 468 आईपीसी), जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करने की साजिश (धारा 120-बी पहले धारा 471 आईपीसी) और आतंकी वारदात करने की साजिश (धारा 120-बी धारा 16 यूएपीए) सहित अन्य आरोपों के तहत केस दर्ज किया गया है।

तहव्वुर राणा पर आतंकवादी कृत्य (धारा 16 यूएपीए), युद्ध छेड़ना (धारा 121 आईपीसी), हत्या (धारा 302 आईपीसी) और युद्ध छेड़ने की साजिश (धारा 121ए आईपीसी) के आरोप भी हैं। आरोपों में यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत दंडनीय अपराध शामिल हैं। ऐसे में अदालत ने कहा कि आरोपी पर यूएपीए की धारा 43-डी में उल्लिखित संशोधित प्रावधान लागू होते हैं। बता दें कि यूएपीए के आतंकवाद से संबंधित आरोपों में आरोपी को 30 दिनों तक की विस्तारित पुलिस हिरासत दी जा सकती है।