80 साल में तीन गुना गर्म हुईं समुद्री सतहें, इंसानों पर क्या पड़ेगा असर; क्या है डरने वाली बात
- समुद्री हीटवेव्स का असर सिर्फ समुद्र तक ही सीमित नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब समुद्र गर्म होता है, तो यह वातावरण को भी अस्थिर बनाता है, जिससे तूफानों और भारी बारिश की घटनाएं ज्यादा तीव्र और सामान्य से अधिक बार होने लगती हैं।

समुद्र की सतहें अब पहले से कहीं ज्यादा गर्म हो चुकी हैं और ये बदलाव किसी एक इलाके की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की चिंता बन चुका है। एक नई वैज्ञानिक स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि पिछले 80 सालों में समुद्र की सतह पर चरम गर्मी वाले दिनों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। 1940 के दशक में जहां साल भर में औसतन 15 दिन ही समुद्र की सतह पर अत्यधिक गर्मी दर्ज होती थी, वहीं आज ये आंकड़ा बढ़कर करीब 50 दिनों तक पहुंच चुका है।
ये बदलाव सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं, बल्कि इसके पीछे छिपी सच्चाई हमारी धरती की सेहत और हमारे भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। वैज्ञानिकों का साफ कहना है कि वैश्विक तापमान में हो रही बढ़ोतरी, यानी ग्लोबल वॉर्मिंग इसका मुख्य कारण है। नई स्टडी बताती है कि आज जो समुद्री हीटवेव्स यानी अत्यधिक गर्म समुद्री मौसम की घटनाएं हो रही हैं, उनमें से लगभग आधी तो केवल ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ही हो रही हैं।
इस रिसर्च को भूमध्य सागर के लिए उन्नत अध्ययन संस्थान, यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग, इंटरनेशनल स्पेस साइंस इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ द बैलिआरिक आइलैंड्स के वैज्ञानिकों की टीम ने अंजाम दिया है।
समुद्री जीवन को बड़ा खतरा
यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के डॉ. जियांगबो फेंग ने चेतावनी भरे लहजे में बताया, "समुद्री हीटवेव्स अंडरवॉटर इकोसिस्टम को तबाह कर सकती हैं। लंबे समय तक समुद्री सतह का गर्म रहना प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ्स), केल्प जंगलों और सीग्रास मीडोज जैसे महत्वपूर्ण समुद्री आवासों को खत्म कर सकता है।" ये जगहें समुद्री जीवों के लिए घर जैसी होती हैं, और अगर ये खत्म हो गईं तो पूरा समुद्री जीवन संकट में पड़ सकता है।
बढ़ते तापमान का असर इंसानी जिंदगी पर भी
समुद्री हीटवेव्स का असर सिर्फ समुद्र तक ही सीमित नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब समुद्र गर्म होता है, तो यह वातावरण को भी अस्थिर बनाता है, जिससे तूफानों और भारी बारिश की घटनाएं ज्यादा तीव्र और सामान्य से अधिक बार होने लगती हैं। उदाहरण के तौर पर, 2023 में न्यूजीलैंड में आया साइक्लोन गैब्रिएल समुद्र की अत्यधिक गर्मी से और भी ज्यादा ताकतवर हो गया, जिससे 11 लोगों की जान गई और करीब 8 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
आर्थिक नुकसान और जानमाल का खतरा
2023 और 2024 में रिकॉर्ड स्तर पर समुद्री गर्मी के दिनों की संख्या देखी गई, पिछले किसी भी साल के मुकाबले लगभग 3.5 गुना ज्यादा। इसका सीधा असर मछली पालन, पर्यटन, और तटीय समुदायों की आजीविका पर पड़ा। पेरू में समुद्री तापमान के कारण एंकोवी मछलियां अपने पारंपरिक इलाकों से हट गईं, जिससे वहां की व्यावसायिक मछली पकड़ने वाली फैक्ट्रियों को बंद करना पड़ा और लगभग 1.4 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
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