फार्मर रजिस्ट्री को लेकर की जा रही मनमानी वसूली
Gangapar News - पालपट्टी, हिन्दुस्तान संवाद। गांव में स्थित ग्राम सचिवालयों के निष्क्रिय होने और किसी भी तरह

गांव में स्थित ग्राम सचिवालयों के निष्क्रिय होने और किसी भी तरह का प्रशासनिक सहयोग न किए जाने के कारण फार्मर रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। इस दौड़ धूप में किसानों का न केवल समय बर्बाद रहा है बल्कि किसानों से फार्मर रजिस्ट्री करने के लिए कैफे संचालकों द्वारा मनमानी वसूली भी की जा रही है। विकासखंड मेजा के खीरी थाना अंतर्गत स्थित कई गांवों पालपट्टी, कोटर, रेंगा ,हरवारी, पिपरहटा, बड्डिहा, दिघलो, लालतारा, इटवा, घोरी, करह, सुजनी, लोहरा, कौहट, दसौती, सलैया कला, सलैया खुर्द, सिरहिर, चांद, पटेहरा, चन्द्रोदया, धनेष्ठा के बीच में लगभग चार से पांच कैफे स्थापित हैं, जिनके संचालकों द्वारा किसानों से फार्मर रजिस्ट्रेशन के लिए₹ 100 से लेकर ₹500 तक की वसूली की जा रही है और मजबूर किसान यह पैसा देने के लिए बाध्य भी हो रहा है। उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। किसान सम्मन निधि सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए फार्मर रजिस्ट्री करवाना केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है, जिसको लेकर किसान परेशान हैं। जिसका भरपूर फायदा क्षेत्रीय कैफे संचालकों द्वारा उठाए जा रहा है। इलाकाई किसान रजनीश तिवारी, विष्णु तिवारी, अशोक कुमार तिवारी, कमलेश कुमार, राकेश कुमार, ओंकारनाथ आदि किसानों ने बताया कि हम लोगों से फार्मर रजिस्ट्री के लिए तीन तीन सौ रुपये लिए गए हैं। वहीं अन्य कई किसानों ने रजिस्ट्री के लिए कैसे संचालकों द्वारा 100 रुपये से लेकर ₹500 तक लिए जाने की बात बताई है।
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