पुलिस अब घटनास्थल पर करेगी सबूतों की जांच
फरीदाबाद में पुलिस को अब आपराधिक मामलों में साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल की रिपोर्ट का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गृह मंत्रालय से मिली अत्याधुनिक फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन वैन घटनास्थल पर ही रिपोर्ट...

फरीदाबाद, मुख्य संवाददाता। पुलिस को आपराधिक मामलों में साक्ष्य जुटाने के लिए अब एफएसएल की रिपोर्ट का लंबा इंतजार नहीं करना होगा। अत्याधुनिक फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन वैन की मदद से पुलिस को यह रिपोर्ट घटनास्थल पर ही मिल जाएगी। गृह मंत्रालय से पुलिस को नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गांधीनगर गुजरात के जरिये यह वैन मिली है। मंगलवार को जारी बयान में पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने यह जानकारी दी। हरियाणा को मिली चार वैन
पुलिस के मुताबिक गृह मंत्रालय हरियाणा में चार वैन भेजी गई हैं, जिन्हें फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला और सोनीपत में तैनात किया गया है। फरीदाबाद को मिली वैन में ड्रग डिटेक्शन किट, एक्सप्लोसिव किट, फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट किट, डीएनए किट, माइक्रोस्कोप, फ्रिज, वीडियो कैमरा और जनरेटर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। खास बात यह है कि वैन में आगे और पीछे कैमरे लगाए गए हैं, जो घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करेंगे। यह अब नए कानून के तहत अनिवार्य हो गया है। जैसे ही वैन घटनास्थल पर पहुंचेगी, रिकॉर्डिंग शुरू हो जाएगी और इसे सुरक्षित रखने के लिए विशेष सिस्टम लगाए गए हैं।
पुलिस आयुक्त ने लिया जायजा
पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने वैन का जायजा लिया और कहा कि न्याय प्रणाली को तेज करने के लिए घटनास्थल पर ही जांच शुरू करना जरूरी है। इससे एफएसएल रिपोर्ट समय पर मिल सकेगी और दोषियों को जल्द सजा दिलाई जा सकेगी। इस दौरान फरीदाबाद फॉरेंसिक टीम की डॉक्टर मनीषा और डॉक्टर सुमन भी मौजूद रहीं। उन्होंने वैन की सुविधाओं की जानकारी दी और बताया कि यह वैन मोबाइल फॉरेंसिक लैब की तरह काम करेगी।
नमूनों को मौके पर सुरक्षित रखा जा सकेगा
पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि आपराधिक घटनाओं के दौरान मिलने वाले ब्लड, सीमेन या सलाइवा जैसे सैंपलों को अब मौके पर ही सुरक्षित रखा जा सकेगा और तुरंत उनकी प्राथमिक जांच रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। पहले ऐसी सुविधाएं मौके पर उपलब्ध नहीं होती थीं, जिससे देरी के कारण सैंपल खराब हो जाते थे। अब वैन में मौजूद फ्रिज और पावर बैकअप की मदद से सैंपल को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
पहले लगते थे 12 घंटे, अब लगेंगे दो मिनट
पुलिस प्रवक्ता ने बताया की खून का नमूना लेकर पहले सेक्टर -30 स्थित पुलिस लाइन भेजा जाता था। इसके बाद उसकी जांच की जाती थी। इस तरह से खून के नमूने की प्रारम्भिक रिपोर्ट को पाने में ही करीब 12 घंटे का वक़्त लगता था। इसमें कई बार नमूना खराब होने का खतरा रहता था, क्योंकि इन नमूनों को प्रिजर्व करने की सुविधा पुलिस के पास नहीं है। लेकिन इस फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन वैन में नमूना को सुरक्षित रखने के लिए फ्रिज की भी व्यवस्था की गई है। साथ ही रिपोर्ट भी दो मिनट में मिलेगी।
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