Rahul Nagar in Muzaffarpur Struggles with Basic Amenities Despite Six Decades of Settlement नाले साफ नहीं हुए तो बरसात में डूबेगा राहुलनगर, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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नाले साफ नहीं हुए तो बरसात में डूबेगा राहुलनगर

राहुलनगर, मुजफ्फरपुर, छह दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में है। स्थानीय लोग नालों का गंदा पानी, खराब स्ट्रीट लाइट और आवारा कुत्तों से परेशान हैं। कूड़ा उठाव में देरी और सड़कें जर्जर होने के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 28 April 2025 07:08 PM
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नाले साफ नहीं हुए तो बरसात में डूबेगा राहुलनगर

मुजफ्फरपुर। छह दशक पहले आबाद हुआ राहुलनगर आज भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। वार्ड दो का यह इलाका 19 गलियों में बंटा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सालोंभर नालों का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। नल-जल की पाइपलाइन है, लेकिन घरों में लगे नल में पानी नहीं आता है। खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट के कारण शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। गलियों में आवारा कुत्तों का डर बना रहता है। एक तो सड़क जर्जर, ऊपर से सब्जी बाजार के कारण अतिक्रमण कर लिया गया है। इसकी वजह से अक्सर विवाद होता है। बरसात से पहले अगर नालों की सफाई नहीं हुई तो मोहल्ला फिर डूब सकता है। नगर निगम से अनुराध है कि मोहल्ले की समस्या का त्वरित समाधान करे।

वार्ड दो अंतर्गत राहुल नगर मुजफ्फरपुर नगर निगम की स्थापना (1981) से पहले 1964 में बसा। छह दशक से अधिक बीतने के बाद भी कॉलोनी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव जिम्मेदारों पर सवाल खड़े करते हैं। यहां करीब 200 से अधिक होल्डिंग होंगे। छह हजार से अधिक फ्लैट हैं। साढ़े तीन हजार से अधिक की आबादी वाली यह कॉलोनी कई समस्याओं से जूझ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी रोड नंबर दो, तीन, 11, पांच और सात के लोग उठा रहे हैं। गलियों की सड़क निर्माण से लेकर सफाई, कूड़ा उठाव आदि को लेकर लोगों में असंतोष है। स्थानीय संजीव कुमार, आशुतोष रंजन, प्रभात कुमार, विनय कुमार वर्मा, प्रेम झा ने जर्जर, नल-जल के नल से पानी नहीं आने और नालों की व्यवस्था पर सवाल उठाये। कहा कि कोई ऐसी गली नहीं है, जिसका नाला खुला नहीं है। ज्यादातर नालों के स्लैब टूट चुके हैं। सालोंभर सड़क पर पानी बहता रहता है। सब्जी बाजार लगने के कारण राहुलनगर रोड नंबर तीन की गली और मुख्य सड़क अतिक्रमित है। सप्ताह में बुधवार, शुक्रवार व रविवार को मोहल्ले से चारपहिया तो दूर, पैदल निकलना मुश्किल होता है।

नालों की लेवलिंग सही नहीं होने से परेशानी :

स्थानीय शिव कुमार, सुरेश कुमार, पप्पू शर्मा, पंकज शर्मा ने कहा कि नालों की सफाई से लेकर कॉलोनी में कूड़ा उठाव तक में निगम का रवैया उदासीन है। सफाई कर्मचारी आधे रास्ते से ही सफाई कर लौट जाते हैं। प्रभात कुमार, अभिजीत दूबे, राजेश सिंह, शैलेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम में शिकायत करने का कोई असर नहीं होता। जब जमादार से शिकायत करो तो जवाब मिलता है कि सफाईकर्मियों की संख्या कम है। मैं क्या करूं। शिव कुमार, सुरेश कुमार, शशांक अंकित ने बताया कि पूरे मोहल्ले में किसी भी नाले के सतह की लेवलिंग नहीं है, जिससे पानी का निकास नहीं होता है। सालोंभर सड़क पर गंदा पानी बहता रहता है। रामाकांत प्रसाद वर्मा, गिरिजेश शर्मा, राजीव भूषण ने बताया कि कॉलोनी में कई जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त है। रोड नंबर तीन में एक ऐसा हिस्सा है, जो कई वर्षों से कच्चा ही है। हर साल बरसात में जलजमाव की समस्या झेलनी पड़ती है।

समय से नहीं होता डोर टू डोर कूड़ा उठाव :

राहुल नगर रोड नंबर 10 से लेकर 12 तक के लोगों की शिकायत है कि डोर टू डोर कूड़ा उठाव समय से नहीं होता। रामलखन सिंह, शिव कुमार मिश्रा, रितिक वर्मा ने बताया कि कभी सुबह सात के बदले नौ बजे तो कभी-कभी दोपहर में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी आती है। जब तक लोग घर से निकलते हैं, तब तक तेजी से निकल जाती है। वंदना झा, शांति देवी, रूबी वर्मा, हेमलता ने कहा कि समय निश्चित न होने के कारण दो से तीन दिन घर में कूड़ा पड़ा रहता है।

अंधेरी गलियों में आवारा कुत्तों का आतंक :

राहुल नगर रोड नंबर दो व तीन में स्थानीय लोगों ने बताया कि गलियों में लगी स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। शाम ढलने के बाद अंधेरे में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ जाता है। कई बार एक ही परिवार के तीन-तीन बच्चे को काटकर घायल कर चुके हैं। ढाई महीने पहले सनी और प्रीति कुमारी को कुत्तों ने बुरी तरह काट लिया था। उसे देख कॉलोनी के बच्चों में डर बैठ गया है।

बोले जिम्मेदार :

मोहल्लों की समस्याओं को लेकर निगम आपके द्वार मुहिम चलायी जा रही है। वहां की समस्याओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है। योजनाओं को पारित कराकर समस्याओं का समाधान होगा। अगर निगम के अधिकारी नहीं सुनते हैं तो स्थानीय लोग मुझसे आकर मिलें। मैं समस्याओं का समाधान कराऊंगी।

-निर्मला साहू, मेयर

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