सोशल मीडिया से: भीषण गर्मी में घर की बालकनी में परिंदों के लिए पानी रखने की अपील
फरीदाबाद में भीषण गर्मी ने न केवल लोगों को प्रभावित किया है, बल्कि बेजुबान पक्षियों और वन्य जीवों के लिए भी संकट पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों से पक्षियों के लिए पानी का...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। भीषण गर्मी ने एक ओर जहां लोगों का जीना मुश्किल हो गया है, वहीं अब यह संकट बेजुबान पक्षियों और वन्य जीवों पर भी गहराने लगा है। तपती दोपहरी में खुले आसमान के नीचे उड़ते परिंदों को पानी मिलना दूभर हो गया है। इसे देखते हुए सोशल मीडिया पर एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे अपने घरों की बालकनी, छत या आंगन में पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करें। पिछले कुछ दिनों आसमान से गर्मी आग उगल रही है। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है।वहीं
न्यूनतम तापमान भी 30 डिग्री के करीब पहुंच गया है। इस भीषण गर्मी में जहां लोगों का हाल बेहाल हैं, वहीं बेजुवान पक्षियों का बुरा हाल है।इसे लेकर फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे प्लेटफार्म पर बड़ी संख्या में लोग जागरुकता अभियान चला रहे हैं। वे न केवल अपने घरों में परिंदों के लिए पानी रख रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। सेव द बर्ड्स, बालकनी वाटर बाउल चैलेंज, बर्ड्स नीड वाटर जैसे हैशटैग के जरिए इस मुहिम को समर्थन मिल रहा है। कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ता तो पक्षियों के लिए छायादार जगह और दाना रखने की भी सलाह दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, अरावली के जंगलों में रहने वाले वन्य जीवों और पक्षियों को गर्मी से राहत देने के लिए वन विभाग भी सक्रिय हुआ है। विभाग ने अरावली क्षेत्र में दर्जनों स्थलों पर पानी के टैंक और मिट्टी के पात्र लगाने की योजना तैयार की है, जिन्हें नियमित रूप से भरा जाएगा। वन विभाग अधिकारी अफजल खान ने बताया कि जंगलों में रहने वाले कई जानवर जैसे नीलगाय, बंदर, सियार और विभिन्न पक्षी प्रजातियां भीषण गर्मी के दौरान जल स्रोतों पर निर्भर हो जाती हैं। इसलिए पानी के इंतजाम करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा, इस कार्य में स्थानीय एनजीओ और स्वयंसेवी संगठन सहयोग लिया जाएगा। वहीं लोगों ने इस दिशा में सराहनीय पहल की है। कई कॉलोनियों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, स्कूलों और धार्मिक संगठनों ने पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था शुरू की है। मिट्टी के बर्तन, स्टील की ट्रे आदि में घरों की बालकनियों में पानी रख रहे हैं। पर्यावरणविद और पशु प्रेमी सुनील हर्षना ने कहा कि एक छोटी-सी पहल भले लगे, लेकिन इसके दूरगामी सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। जब एक-एक घर परिंदा मित्र बन जाएगा, तब गर्मी के इस भयावह दौर में हजारों पक्षियों की जान बचाई जा सकती है।
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