रेलवे अंडरपास समेत 10 स्थानों का जलभराव खत्म करने की तैयारी
फरीदाबाद में मानसून में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने नालों की सफाई की योजना बनाई है। 30 जून तक नालों की सफाई का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अधिकारी सक्रिय हो गए हैं।...

फरीदाबाद, मुख्य संवाददाता। मानसून में जलभराव से लोगों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए शासन-प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास सहित शहर के मुख्य स्थानों का जलभराव खत्म किया जाएगा। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) और नगर निगम ने नालों की सफाई करवाने की योजना बनाई है। इसको टेंडर भी लगा दिए हैं। 30 जून से पहले सफाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सख्त आदेश के बाद अब फरीदाबाद में जलभराव की समस्या खत्म करने को लेकर अधिकारी हरकत में आए हैं। इससे पहले अधिकारियों के पास व्यापक स्तर पर सफाई करवाने की योजना नहीं थी।
एक सप्ताह पहले हुई बारिश के बाद शहर में जलभराव हो गया था। पुलिस को ओल्ड और ग्रीनफील्ड रेलवे अंडरपास ट्रैफ़िक के लिए बन्द करने पड़े थे। ग्रीनफील्ड अंडरपास में एक कार भी डूब गई थी, चालक ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई थी। बहरहाल, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 30 जून तक नालों की सफाई करने का अल्टीमेटम दिया है। ------------- सेक्टर-21 का पानी अंडरपास में भरता मानसून में सेक्टर-21ए और सेक्टर-21बी की सड़कों पर जलभराव होता है। नाला और सीवर लाइन जाम होने की वजह से पानी ओपीडी फरीदाबाद रेलवे अंडरपास पास में जाता है। जिसकी वजह से अंडरपास में पानी भर जाता है। यहां पार्क भी पानी मे पूरा डूब जाता है। दरअसल, पिछले वर्ष बारिश के दौरान जलभराव के कारण कई लोगों की जान तक चली गई थी। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में दो बैंक कर्मचारियों की मौत और बल्लभगढ़ में एक युवक की नाले में डूबने की घटना प्रशासन के लिए चेतावनी बन गई। बहरहाल, इस मानसून में जलभराव से बचाव के लिए नालों की सफाई की तैयारी शुरू कर दी है। ------------ दो विभाग करेंगे नालों की सफाई गौरतलब है कि एफएमडीए बनने के बाद सरकार ने नगर निगम के अनेक कार्य एफएमडीए को सौंप दिए हैं। इसी के तहत सरकार ने तय किया है कि बड़े नालों की सफाई एफएमडीए करेगा जबकि कॉलोनियों और रिहायशी इलाकों के अंदर छोटे नालों की जिम्मेदारी नगर निगम निभाएगा। बहरहाल, प्रथम चरण में करीब दस नालों की सफाई और मरम्मत पर तीन करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। साथ ही जहां जरूरी होगा, वहां नालों के किनारे सुरक्षा दीवारें भी बनाई जाएंगी ताकि बरसात में पानी बाहर न फैले। -------- इन क्षेत्रों में होगी नालों की सफाई -अनखीर पुलिस चौकी से सेक्टर-21ए के एसटीपी तक नाले की सफाई पर 57 लाख रुपये खर्च होंगे। इस इलाके से होकर बड़ी मात्रा में पानी गुजरता है। सेक्टर-21ए, सेक्टर-21बी में काफी जलभराव होता है। सेक्टर-21बी के पास ही ओल्ड रेलवे अंडरपास है -सेक्टर-16 में नाले की सफाई पर तीन लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया जाएगा। इस क्षेत्र में सर्किट हाउस और मोती महल के पास बरसात में पानी भर जाता है। यहां एक निजी बड़ा अस्पताल भी स्थित है, जिससे सफाई और भी जरूरी हो जाती है। -सेक्टर-17 में छह लाख रुपये की लागत से नाले की सफाई होगी। इस इलाके के डिस्पोजल के पास हर बार बारिश में जलभराव की समस्या आती है। यहां से रास्ता ओल्ड फरीदाबाद की तरफ जाता है। जलभराव से ट्रैफ़िक जाम होता है। -सेक्टर-37 में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की भी सफाई की जाएगी, जिस पर दो लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा। बरसात में पानी संचय करना नगर निगम प्रशासन का मुख्य मकसद है। शहर में 150 से ज्यादा रेनवाटर हारवेस्टिंग लगाए हुए हैं -गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर बड़खल से अनखीर पुलिस चौकी तक नाले की सफाई और मरम्मत का काम किया जाएगा। यह नाला सैनिक कॉलोनी, सेक्टर-48, बड़खल और अनखीर जैसे क्षेत्रों के पानी को बुढ़िया नाले के जरिये यमुना तक पहुंचाता है। इस कार्य पर भी लगभग 57 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। ---------- मंत्री भी दे चुके हैं निर्देश मुख्यमंत्री के आदेश से पहले शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल भी नगर निगम और एफएमडीए के अधिकारियों को बारिश से पहले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए तैयारी के निर्देश दे चुके हैं। ----------- मुख्यमंत्री को रोजाना देनी होगी रिपोर्ट सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद अब अधिकारियों को हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट देनी होगी। नालों की सफाई में देरी करने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ आदेश दिए है, कि बरसात में जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते जलभराव नहीं होना चाहिए।
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