होम्योपैथी दिवस : होम्योपैथी से उपचार कराने वाले मरीज 15 प्रतिशत बढ़े
फरीदाबाद में कोरोना काल के बाद होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। बीके अस्पताल में उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या 14 से 15 प्रतिशत बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार,...

फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी के लोगों का कोरोना काल के बाद से होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रति रुझान बढ़ा है। होम्योपैथी से उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या में 14 से 15 प्रतिशत तक वार्षिक बढ़ोतरी हुई है। इसकी मुख्य वजह होम्योपैथी में उपचार मिलना है। स्मार्ट सिटी के लोग तेजी से होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को अपना रहे हैं। बीके अस्पताल में उपचार कराने वाले रोगी एलोपैथी के साथ होम्याेपैथी उपचार भी कराने पहुंचाते हैं। बीके अस्पताल परिसर में स्थित आयुष भवन में होम्योपैथी पद्धति से उपचार किया जाता है। कोराना काल से वार्षिक ओपीडी 10 से 12 हजार मरीजों की होती थी, जो अब बढ़कर 15 से 16 हजार मरीजों तक पहुंच गई। चिकित्सकों का कहना है कि सभी चिकित्सा पद्धतियों को अपना महत्व है। कोरोना काल में लोगों ने संक्रमण से बचाव के लिए और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए होम्योपैथी दवा का सहारा लिया था। लोगों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले थे। स्वास्थ्य विभाग की होम्यापैथी की चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वाति कसाना का कहना है कि इसमें समय लगता है, लेकिन कई मरीज ठीक हुए हैं। बीके अस्पताल सहित जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर त्वचा संबंधी रोगों के मरीज उपचार के लिए अधिक संख्या में पहुंचते हैं। महीने की ओपीडी 1200 से 1400 तक चिकित्सकीय परामर्श के लिए आते हैं। इनमें से 70 प्रतिशत रोगी त्वचा संबंधी रोगों के होते हैं। इनका दावा है कि एक्जिमा, सफेद दाग, सायरोसिस, रहेमेटॉइड अर्थराइटिस, ल्यूपस जैस गंभीर त्वचा रोगों का उपचार संभव है। प्रदेश सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के लोगों तक होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का लाभ पहुंचाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसके चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति है। यहां पर भी 10 से 12 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में पहुंचते हैं। बीके अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेड़ीकलां, तिगांव, कौराली और धौज में भी होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से उपचार किया जाता है। होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. भूषण पासवान ने बताया कि होम्योपैथी दवाओं में कई गंभीर बीमारियों को उपचार संभव है। एक्जिमा एक लाइलाज बीमारी है और जीवन भर रोगी खुजली व पानी के रिसाव से परेशान रहता है, लेकिन होम्यापैथी के जरिये कई रोगियों का सफल उपचार किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा होम्योपैथी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। प्रतिदिन 1400 से 1500 की ओपीडी रहती है। प्रदेश सरकार द्वारा अच्छी दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के योग्य चिकित्सक भी उपलब्ध हैं।
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