जेपी ग्रुप से जुड़ी कंपनियों ने सिंगापुर-थाईलैंड समेत कई देशों में भेजी रकम, ED सूत्र
जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड और मेसर्स जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जेपी से जुड़ी कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों से ली गई रकम को सिंगापुर, थाईलैंड समेत अन्य देशों में भेजा।

जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड और मेसर्स जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जेपी से जुड़ी कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों से ली गई रकम को सिंगापुर, थाईलैंड समेत अन्य देशों में भेजा। डिजिटल साक्ष्यों की जांच में इसकी पुष्टि हुई है।
जेपी इंफ्राटेक और जेपी एसोसिएट्स पर लगे आरोपों की जांच ईडी के दिल्ली स्थित जोनल कार्यालय के माध्यम से की जा रही है। दोनों कंपनियों पर फ्लैट खरीदारों से 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने का आरोप है। जांच एजेंसी ने तीन दिन पहले जेपी और उससे जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी कर डिजिटल साक्ष्य और अन्य दस्तावेज जब्त की थी। इनकी जांच में रकम विदेश भेजे जाने की पुष्टि हुई।
सेक्टर-128 से सेक्टर-132 तक की जेपी की सभी परियोजनाओं के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे। वहीं, जेपी के साथ जुड़े अन्य बिल्डर मेसर्स गौरसंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स गुलशन होम्ज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स महागुन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड की भी जांच चल रही है। इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 30 से अधिक बिल्डर सीबीआई और ईडी की रडार पर हैं।
लेन-देन की जांच जारी
ईडी की टीम यह ब्योरा जुटा रही है कि जेपी से जिन बिल्डरों ने जमीन ली, उनकी तरफ से लेन-देन कौन से बैंक खातों में हुआ और जमीन बेचे जाने वाली रकम का उपयोग कहां-कहां हुआ। इसके साथ ही जेपी से जमीन लेने के लिए बिल्डरों ने जो रकम दी, वह कहां से आई, इसकी भी जांच की जा रही है। जेपी की परियोजनाओं में फंसे फ्लैट खरीदार और निवेशकों का ब्योरा भी ईडी की टीम ने लिया है।
1.70 करोड़ रुपये जब्त
ईडी ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और अन्य संस्थाओं के खिलाफ छापेमारी के दौरान 1.70 करोड़ रुपये नकद और अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। ईडी ने रविवार बयान जारी कर ये जानकारी दी। मालूम हो कि मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) के तहत 23 मई को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में 15 परिसरों पर ईडी ने छापा मारा था।
नोएडा, ग्रेनो के तीस से अधिक बिल्डर रडार पर
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 30 से अधिक बिल्डर सीबीआई और ईडी की रडार पर हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की टीम जहां बिल्डरों की जांच कर रही, वहीं ईडी भी इन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच में जुटी है। इनके संबंध में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों से भी डेटा मांगा गया है।