कैट के आदेश से MCD स्कूलों के कॉन्ट्रेक्ट टीचर्स की बल्ले-बल्ले, सबको मिलेगा 7वें वेतन आयोग का लाभ
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के स्कूलों में कार्यरत कॉन्ट्रेक्ट टीचर्स के लिए अच्छी खबर है। केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एक महत्वपूर्ण फैसले सुनाते हुए एमसीडी को कॉन्ट्रेक्ट पर कार्यरत प्राइमरी स्कूल के टीचर्स को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने को कहा है।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के स्कूलों में कार्यरत कॉन्ट्रेक्ट टीचर्स (संविदा शिक्षकों) के लिए अच्छी खबर है। केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एक महत्वपूर्ण फैसले सुनाते हुए एमसीडी को कॉन्ट्रेक्ट पर कार्यरत प्राइमरी स्कूल के टीचर्स को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने को कहा है।
कैट के न्यायिक सदस्य मनीष गर्ग एवं प्रशासनिक सदस्य राजेन्द्र कश्यप की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन का सिद्धांत सभी पर लागू होता है। इसे बरकरार रखा जाना चाहिए। बेंच ने यह भी कहा कि पूरे मामले पर सुनवाई के दौरान पाया गया कि वेतन में असमानता का कोई औचित्य नहीं है। सभी शिक्षक एक समान रूप से कार्य कर रहे हैं, फिर वेतन में असमानता क्यों रखी गई है।
बेंच ने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट टीचर्स को भी नियमित के बराबर न्यूनतम वेतनमान का भुगतान किया जाए। शहनाज़ परवीन और तहमीना रियाज़ ने अपने वकील अनुज अग्रवाल के माध्यम से कैट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि वह 2003 से एमसीडी स्कूलों में संविदा प्राथमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नियमित प्राइमरी टीचर्स के समान कर्तव्यों का पालन करने के बावजूद उन्हें काफी कम वेतन दिया जा रहा था। उन्होंने 1 जनवरी, 2016 से पारिश्रमिक में समानता, बकाया व अन्य परिणामी लाभों की मांग की, जिसे कैट ने मंजूर कर लिया है।
1200 से अधिक कॉन्ट्रेक्ट टीचर कार्यरत
बेशक कैट का यह आदेश दो शिक्षकों की याचिका पर आया है, लेकिन इसका असर निगम में संविदा पर कार्यरत हजारों टीचर्स पर पड़ेगा। अब वह भी इस लाभ को पाने के हकदार हैं। जानकारी के अनुसार अभी निगम में 12 सौ से अधिक टीचर कॉन्ट्रेक्ट पर कार्यरत हैं।
दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने लागू किया था वेतन : बेंच
बेंच ने कहा कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने वर्ष 2017 में अपने संविदा शिक्षकों के पारिश्रमिक को पहले ही संशोधित कर दिया था, लेकिन एमसीडी के अन्य क्षेत्रों में समान रूप से रखे गए शिक्षकों को समान लाभ नहीं दिया गया। अब जबकि निगम का एकीकरण हो गया है। ऐसे में यह नियम पूरे निगम शिक्षकों पर लागू होता है। बेंच ने 21 नवंबर 2017 के एसडीएमसी नियम के अनुसार, आवेदकों को लागू महंगाई भत्ते व अन्य लाभों के साथ वेतनमान का न्यूनतम भुगतान करने का निर्देश दिया। भुगतान आदेश प्राप्त होने से तीन महीने के भीतर दिए जाने की हिदायत भी दी गई है। ऐसा न करने पर बकाया राशि पर जीपीएफ दर से ब्याज देना होगा।