दूसरे की जगह परीक्षा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चार गिरफ्तार
दक्षिणी दिल्ली की सीआर पार्क पुलिस ने परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी नितिन ने सचिन को उसकी जगह परीक्षा देने भेजा था। पुलिस ने चार आरोपी पकड़े, जिनमें हरियाणा के तोहाना...

--- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में पकड़े आरोपी की निशानदेही पर हुई अन्य गिरफ्तारियां --- आरोपियों में हरियाणा के तोहाना नगर निगम में कार्यरत ग्रुप डी के दो कर्मचारी भी शामिल
नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता।
दक्षिणी दिल्ली की सीआर पार्क पुलिस ने दूसरे की जगह पर परीक्षा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने परीक्षा अभ्यर्थी, उसकी जगह परीक्षा देने वाले आरोपी के अलावा दो अन्य बिचौलियों को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी गत रविवार सीबीएसई द्वारा आयोजित सुप्रीटेंडेंट व जूनियर असिस्टेंट भर्ती परीक्षा में दिल्ली के विभिन्न केंद्रों पर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे। आरोपियों के कब्जे से चार जीएसएम ब्ल्यूटूथ डिवाइस, चार मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक कार, ओएमआर सीट, दो प्रवेश पत्र व अटेंडेंस शीट बरामद कर ली गई है। पकड़े गये आरोपियों की पहचान सचिन, नितिन, बलजिंदर और श्याम सुंदर के रूप में हुई है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अचिन गर्ग ने बताया कि आरोपी सचिन रोहतक, हरियाणा का रहने वाला है। वह खुद स्नातक है लेकिन कई अन्य अभ्यर्थियों की जगह कई प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ चुका है। इसके खिलाफ सीकर, राजस्थान में भी भर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने को लेकर केस दर्ज मिला है। इस बार वह झज्जर, हरियाणा निवासी नितिन की जगह परीक्षा देने सीआर पार्क इलाके में आया था। नितिन ने सचिन के अलावा श्याम सुंदर व बलजिंदर के साथ परीक्षा पास कराने का सौदा किया था। वहीं, बलजिंदर व श्याम सुंदर दोनों हरियाणा के फतेहाबाद के रहने वाले हैं। ये दोनों भी स्नातक हैं और हरियाणा के तोहाना नगर निगम में ग्रुप डी में सरकारी नौकरी कर रहे थे। बलजिंदर साल 2024 में सचिन के संपर्क में आया था और उसके बाद सचिन व अभ्यर्थी के बीच बिचौलिए का काम करते हुए अपना कमीशन लेने लगा था। जबकि श्याम सुंदर साल 2019 में बजजिंदर के संपर्क में आया और उसके साथ ही काम करने लगा।
पुलिस के मुताबिक, गत 20 अप्रैल को ग्रेटर कैलाश दो स्थित एक स्कूल से दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने की सूचना मिली। आरोपी को परीक्षा निरीक्षकों को बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ा है। जांच में पता चला कि नितिन नामक एक अभ्यर्थी ने अपनी जगह एक भर्जी अभ्यर्थी को परीक्षा देने भेज रखा था। जांच में फर्जी अभ्यर्थी की पहचान सचिन के रूप में हुई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और सचिन की निशानदेही पर परीक्षा केंद्र के बाहर से नितिन को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
15 लाख लेकर बिचौलिए ने 12 लाख में भेजा था फर्जी अभ्यर्थी
आगे की पूछताछ में पता चला कि नितिन व सचिन एक दूसरे से श्याम सुंदर व बलजिंदर की मदद से मिले थे। इसके बाद पुलिस ने अन्य दोनों आरोपियों को डब्ल्यू ब्लॉक पार्क, ग्रेटर कैलाश से पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने नितिन से कुल 15 लाख रुपये लिए थे। इसके बाद 12 लाख रुपये में आरोपी सचिन को नितिन की जगह परीक्षा देने के लिए राजी किया था। बलजिंदर ने बताया कि अन्य आरोपी सचिन दांगी ने भी मयूर विहार में उनके इशारे पर दूसरे की जगह पर परीक्षा दी है। पुलिस सचिन दांगी की भी तलाश कर रही है।
अन्य परीक्षाओं में पास हुए अभ्यर्थियों की खंगाली जा रही जानकारी
अब तक की जांच में सामने आया है कि आरोपी इसके पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। इनमें से कुछ का चयन भी हुआ है। पुलिस उन परीक्षाओं के विभिन्न अभ्यर्थियों की जानकारी खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि फर्जीवाड़ा करके चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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