मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है: डॉ पुंडरीक शास्त्री
जिले के सूर्य नरायण मंदिर में चल रहे नव दिवसीय नारायण विश्व शांति महायज्ञ के सातवें दिन डॉ पुंडरीक शास्त्री ने मंदिर की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता...

गड़खा, एक संवाददाता। जिले के सुप्रसिद्ध सूर्य नरायण मंदिर कोठियां-नरांव परिसर में चल रहे नव दिवसीय नारायण विश्व शांति महायज्ञ के सातवें दिन डॉ पुंडरीक शास्त्री ने अपने प्रवचन के दौरान मंदिर की महिमा और के विषय के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यद्यपि परमात्मा हर कण में विराजमान हैं लेकिन उनका अस्थाई केंद्र मंदिर है । मंदिर में शंख की ध्वनि, घंटे की टंकार, मंत्रोच्चार और धूप दीप से मंदिर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है। अत: आप हर जगह परमात्मा का आत्म दर्शन करें लेकिन मंदिर जरूर जाएं। मंदिर जाने से मनुष्य के बुरे विचार और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। उन्होंने एक अन्य प्रसंग में रामचरित मानस को सभी ज्ञान, विज्ञान का पुंज बताया। रामचरित मानस आधुनिक तकनीक विज्ञान और तर्क शास्त्र का श्रोत है। सभी को रामायण से नियमित जीवन के गुर को सीखना चाहिए। हम सभी अपने घर परिवार ओर गांव समाज में राम राज की तो परिकल्पना करते हैं, लेकिन राम चरित का अनुसरण नहीं कर पाते। सूर्यमंदिर परिसर में रविवार की सुबह में होने वाले कन्या पूजन को विश्व के सबसे बड़े कन्या पूजन का रूप देने में कोठियां-नरांव समेत पूरा क्षेत्र महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री रामसुमीरन दास जी महाराज के आदेश पर इसे अंतिम रूप देने में लगा है। महाराज ने शुक्रवार को कथा मंच से विश्व के सबसे बड़े होने वाले इस कन्या पूजन के लिए सभी वर्गों ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य और शूद्र का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी हिन्दू एक हैं और मैं सभी की बेटियों का कन्या पूजन करुंगा ।
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