शशि थरूर के मुद्दे पर नफा-नुकसान तौल रही कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी शशि थरूर से नाराज है क्योंकि वे पार्टी की आधिकारिक राय से भटक रहे हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि थरूर के बयानों से पार्टी को नुकसान हो सकता है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों के...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। तिरुवनंतपुरम से सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर से कांग्रेस नाराज है। पार्टी की नाराजगी की वजह उनके बयान हैं। पार्टी की शिकायत है कि वह कांग्रेस के आधिकारिक रुख से अलग हटकर अपनी राय रखते हैं। इस मुद्दे पर पार्टी ऊहापोह की स्थिति में है। क्योंकि, थरूर अलग राह अपनाते हैं, तो कांग्रेस को नुकसान तय है। ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद संघर्ष विराम पर विचार करने के लिए बुधवार को हुई वरिष्ठ नेताओं की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। कांग्रेस नेता मानते हैं कि शशि थरूर ने सीमा लांघ दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी कार्रवाई कर सकती है।
पर, मुश्किल यह है कि केरल में वर्ष 2026 में चुनाव है और पार्टी कोई जोखिम नहीं चाहती। यही वजह है कि कांग्रेस चाहती है कि शशि थरूर पार्टी लाइन पर बयान दें। क्योंकि, ऐसा नहीं करने पर पार्टी को मजबूरन उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस कार्रवाई का सीधा असर केरल की राजनीति पर पड़ेगा। क्योंकि, थरूर के जाने से युवाओं और शहरी मतदाता पार्टी से छिटक सकते हैं। केरल में कांग्रेस लगातार दो बार से सत्ता से बाहर है। इसलिए पार्टी बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। केरल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम थरूर को चुप नहीं कर रहे हैं। सिर्फ पार्टी की लाइन पर बयान देने की बात कह रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस नेता मानते हैं कि थरूर के खिलाफ कार्रवाई से रणनीति बिगड़ सकती है। कांग्रेस नेता मानते हैं कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए कई राजनीतिक दल उन्हें लुभाने की कोशिश करेंगे। थरूर नायर समुदाय से आते हैं और यह केरल की प्रभावशाली ऊंची जाति मानी जाती है। ऐसे में पार्टी को तिरुवनंतपुरम और आसपास की सीट पर नुकसान हो सकता है। विधानसभा में यह नुकसान बढ़ जाएगा। प्रदेश कांग्रेस नेता मानते हैं कि थरूर पार्टी छोड़ते हैं, तो विधानसभा में तिरुवनंतपुरम की सात विधानसभा सहित कई दूसरी शहरी सीट पर भी इसका असर पड़ेगा। रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस से अलग होने के बाद शशि थरूर भाजपा या वाम मोर्चा की तरफ जाते हैं, तो पार्टी के वोट प्रतिशत पर भी असर पड़ेगा। -- क्यों नाराज हैं थरूर शशि थरूर केरल की राजनीति में अहम भूमिका चाहते हैं। कुछ वर्ष पहले मलयालम अखबार को दिए एक इंटरव्यू में थरूर ने स्थानीय सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा था कि वह कांग्रेस नेताओं में सबसे स्वीकार्य नेता हैं। केरल कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि शशि थरूर प्रदेश में पार्टी का चेहरा बनना चाहते हैं। विवाद - वरिष्ठ नेता शशि थरूर का विवादों से पुराना नाता है। वर्ष 2014 चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के बाद उन्हें कांग्रेस प्रवक्ताओं के पैनल से हटाया था। - वर्ष 2020 में उन्होंने पार्टी के तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले जी-23 नेताओं में शामिल थे। जी-23 के कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। - वर्ष 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में थरूर ने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इसको लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी।
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