चिंता : चक्रवातों से द्वीपों पर खत्म हो सकते हैं सभी जीव
चक्रवातों के कारण कई द्वीपों पर रहने वाली प्रजातियां स्थायी रूप से लुप्त हो सकती हैं। आईयूसीएन की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि चक्रवात छोटे द्वीपों पर रहने वाले जीवों और पक्षियों के लिए गंभीर खतरा...

नई दिल्ली, एजेंसी। जब चक्रवात किसी द्वीप पर तबाही मचाते हैं, तो प्राथमिकता इंसानी जान बचाने की होती है। लेकिन वहां रहने वाले जीव-जंतुओं और पक्षियों पर बहुत कम ध्यान जाता है। एक शोध में सामने आया है कि दुनिया के कई द्वीपों में रहने वाली प्रजातियां चक्रवातों के कारण स्थायी रूप से लुप्त हो सकती हैं। कुछ द्वीपों पर तो सभी जीवों के खत्म होने का भी खतरा है। इंटरनेशनल यूनियन फोर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। यह रिपोर्ट वैज्ञानिक पत्रिका बायोलॉजिकल कंजर्वेशन में प्रकाशित हुई है। इसके अनुसार, जैसे-जैसे धरती गर्म हो रही है, तूफान पहले से ज्यादा तेज, बार-बार और अचानक आने लगे हैं।
जीवों की रक्षा करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था आईयूसीएन ने रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि चक्रवाती तूफान कई जानवरों और पक्षियों को हमेशा के लिए लुप्त कर सकते हैं। ‘बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट से गुजरते हैं 75% तूफान वैज्ञानिकों ने 1972 से 2022 तक आए उन तूफानों का रिकॉर्ड खंगाला, जिनकी रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा थी। फिर देखा कि ये तूफान किन इलाकों से गुजरे। उन्होंने पाया कि ऐसे 75% तूफान उन्हीं इलाकों से गुजरे, जिन्हें ‘बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट कहा जाता है। यानी जहां बहुत सारे अलग-अलग और दुर्लभ जानवर और पक्षी पाए जाते हैं और ये ज्यादातर छोटे-छोटे द्वीपों पर हैं। इन पांच क्षेत्रों में अधिक खतरा हिंद महासागर के द्वीपों के अलावा, जापान, पोलिनेशिया-माइक्रोनेशिया, फिलीपींस, मेडागास्कर और कैरेबियाई द्वीपों पर रहने वाली प्रजातियों पर सबसे ज्यादा खतरा है। इन जगहों पर रहने वाली कई प्रजातियां पहले से ही बेहद कम संख्या में मौजूद हैं और सिर्फ एक छोटे से इलाके तक सीमित हैं। वैज्ञानिकों ने दो बातों का जिक्र कर देकर जताई चिंता 1. 2019 से नहीं दिखा ‘बहामा नटहैच कुछ जानवर और पक्षी इतने छोटे इलाकों में रहते हैं कि एक बड़ा तूफान उन्हें पूरी तरह से खत्म कर सकता है। जैसे, 2019 में बहामास में आए तूफान डोरियन के बाद एक पक्षी ‘बहामा नटहैच को फिर कभी नहीं देखा गया। माना जा रहा है कि वह इस तूफान से हमेशा के लिए खत्म हो गया। इसी तरह कैरिबियन द्वीपों में 128 से अधिक प्रजातिया चक्रवातों से संकटग्रस्त मानी गईं। 2. एक ही द्वीप पर रहने वाली 60 प्रजातियों पर खतरा वैज्ञानिकों ने ऐसी 60 जानवरों और पक्षियों की प्रजातियां पहचानी हैं, जो एक-एक करके अलग-अलग छोटे-छोटे द्वीपों पर पाई जाती हैं। यानी ये सभी प्रजातियां किसी एक ही द्वीप की एक खास जगह तक सीमित हैं। अगर उस द्वीप पर कोई बड़ा तूफान आता है, तो ये प्रजातियां पूरी तरह खत्म हो सकती हैं। इन 60 प्रजातियों में से केवल 24 के लिए संरक्षण का काम चल रहा है। -------------- भारतीय द्वीपों में यह स्थिति भारतीय द्वीप समूह, खासकर अंडमान-निकोबार द्वीप और आसपास के क्षेत्र, चक्रवातों से खासा प्रभावित हो रहे हैं। यहां लगभग 35-40 वन्यजीव प्रजातियां चक्रवातों के प्रभाव से बहुत ज्यादा खतरे में मानी जा रही हैं। इनमें से निकोबारी मेगापोड पक्षी, अंडमानी डेयान बैट, अंडमानी वुडपेकर, निकोबारी ट्री शेव प्रमुख हैं। मानवीय गतिविधियों और चक्रवातों के चलते इनके आवास को खासा नुकसान पहुंचा है।
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