करोड़ों का व्यापार फर्जीवाड़ा करने वाला गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने करोड़ों रुपये के अंतरराष्ट्रीय व्यापार फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर जाली बिल ऑफ लैडिंग और अन्य नकली शिपिंग दस्तावेज बनाने...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने करोड़ों रुपये के अंतरराष्ट्रीय व्यापार फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर जाली बिल ऑफ लैडिंग (बीएल) और अन्य नकली शिपिंग दस्तावेज बनाने के आरोप हैं। पुलिस के हत्थे चढ़ा मुकेश गुप्ता सिंगापुर का नागरिक है। वह ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्डधारक है। आरोपी के खिलाफ वर्ष-2022 में ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया था। राजनयिक प्रोटोकॉल के अनुसार, उसकी गिरफ्तारी की सूचना दिल्ली स्थित सिंगापुर उच्चायोग को दी गई है। ईओडब्ल्यू की डीसीपी अमृता गुगलोथ के मुताबिक, मेसर्स चौधरी टिम्बर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (सीटीआईपीएल) की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि न्यूजीलैंड से लकड़ी आयात करने के लिए मुकेश गुप्ता के प्रतिनिधित्व वाले मेसर्स एमरोज सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड से एक समझौता किया था। भुगतान भारतीय बैंक, सिंगापुर के माध्यम से लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) के माध्यम से किया गया था। इसके बाद पता चला कि आरोपियों द्वारा जाली बीएल और नकली शिपिंग दस्तावेज बैंक में लगाए गए। इन्हें दिल्ली में बैंक ऑफ इंडिया की कनॉट प्लेस शाखा को भेजा गया था। इन जाली दस्तावेज के आधार पर बैंक ने लगभग 10 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन कभी कोई शिपमेंट नहीं किया गया। जांच में पता चला कि बीएल मार्च 2020 में भारतीय बैंक, सिंगापुर के माध्यम से भेजे गए थे। जहाज मालिक (एशिया मैरीटाइम पैसिफिक लिमिटेड), शिपिंग एजेंट (अर्नव शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड) और बीमाकर्ता (वेरो इंश्योरेंस, न्यूजीलैंड) से सत्यापन से पुष्टि हुई कि बीएल नकली थे और एमवी एशिया पर्ल-I भारत के लिए ऐसा कोई शिपमेंट नहीं ले गया था। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया से जाली दस्तावेज जब्त कर आरोपी को 22 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया। शिकायतकर्ता का शिपिंग एजेंट के अधिकृत प्रतिनिधि से भी आमना-सामना कराया गया, जिसमें पुष्टि हुई कि कंपनी के नाम और मुहर का इस्तेमाल आरोपी ने धोखाधड़ी से किया था। उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला है आरोपी आरोपी मुकेश गुप्ता उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला है। उसने 1978 में रोहिलखंड विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की थी। 1986-87 में वह गुजरात चला गया और लकड़ी का व्यापार शुरू किया। 1995-96 में इंडिया ओवरसीज लॉन्च किया। 2003 में, उसने मेसर्स एमजी फॉरेस्ट की स्थापना की, जिसे बाद में मेसर्स एमरोज सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड नाम दिया गया, जिसका मुख्यालय सिंगापुर में था। कंपनी मलेशिया, इंडोनेशिया, घाना और नाइजीरिया सहित 20 से अधिक देशों में काम करती थी।
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