ये मोदी सरकार है, आतंकियों का… अमित शाह ने भरी हुंकार, दी आखिरी चेतावनी
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत ने कड़े ऐक्शन के लिए कमर कस ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हुंकार भरते हुए आतंकियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ये मोदी सरकार है, आतंकियों का चुन-चुनकर हिसाब होगा।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देशभर में उबाल है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान आतंकियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा, ‘ये नरेंद्र मोदी की सरकार है, आतंकियों को चुन-चुनकर जवाब दिया जाएगा, किसी को नहीं बख्शा जाएगा।’
गृह मंत्री शाह का यह बयान उस समय आया है जब पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी। इस हमले को लेकर देशभर में आक्रोश है और सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए संकेत दिए हैं कि जल्द और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा, “पूरी देश की जनता को ये बताना चाहता हूं, कि 90 के दशक से कश्मीर में जो आतंकवाद चला रहे हैं, उनके खिलाफ हमारे पीएम मोदी का जीरो टॉलरेंस की नीति है। हम मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़े हैं और आज वो ये न समझ लें कि हमारे नागरिकों की जान लेकर वो लड़ाई जीते हैं। हम सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि ये लड़ाई का अंत नहीं है, हर व्यक्ति को चुन-चुनकर जवाब भी मिलेगा और जवाब दिया जाएगा।”
भारत के ऐक्शन से पाक में खलबली
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जब से आतंकवाद के खात्मे की कसम खाई है, तब से पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं की नींद उड़ी हुई है। पाकिस्तान को भारत के हमले का डर लगातार सता रहा है। कभी उसके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ यह बयान देते हैं कि भारत पाकिस्तान पर कभी भी हमला कर सकता है। आधी रात को पाकिस्तान के सूचना मंत्री प्रेस कॉंफ्रेंस बुलाते हैं और पसीना-पसीना होकर दावा करते हैं कि अगले 24 से 36 घंटे में भारत का हमला हो सकता है।
पीएम शहबाज एक तरफ दुनिया के देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं तो दूसरी ओर उनके मंत्री भारत को गीदड़भभकी देने से बाज नहीं आ रहे हैं।
पीएम मोदी सेना को दे चुके खुली छूट
हाल ही में पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प दोहराया और सेनाओं को आतंकियों पर हमले का समय और जगह खुद चुनने की खुली छूट दे दी है।