पाक में 7 साल तक मुस्लिम बने रहे अजीत डोभाल, एक मामूली चूक से हो सकता था भंडाफोड़; दिलचस्प है किस्सा
पाकिस्तान में सात साल तक मुसलमान बनकर जासूसी करने वाले एनएसए अजित डोभाल का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी पहचान बचाने की हैरान कर देने वाली कहानी सुनाई।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को यूं ही 'इंडियन जेम्स बॉन्ड' नहीं कहा जाता। केरल कैडर के आईपीएस अफसर रहे डोभाल ने अपनी सर्विस के दौरान देश की सुरक्षा को लेकर कई बेहद जोखिम भरे ऑपरेशन अंजाम दिए। लेकिन सबसे चौंकाने वाली उनकी वो कहानी है जब वो सात साल तक पाकिस्तान में एक मुसलमान के वेश में अंडरकवर एजेंट के तौर पर रहे।
हाल ही में उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने उस वक्त का एक वाकया साझा किया है जब पाकिस्तान में उनकी असल पहचान लगभग खुल ही गई थी। डोभाल ने बताया कि एक दिन वो मस्जिद से लौट रहे थे, तभी एक स्थानीय व्यक्ति ने उन्हें रोका और कहा- क्या आप हिंदू हैं? डोभाल ने मना कर दिया, मगर उस आदमी ने कान की तरफ इशारा कर कहा- आपके कान छिदे हुए हैं। आप हिंदू ही हो।
इस पर डोभाल ने जवाब दिया, "मैं जिस जगह से आता हूं वहां बचपन में कान छिदवाने की परंपरा है।" फिर उन्होंने झूठ बोलते हुए कहा कि उन्होंने धर्म बदल लिया है। मगर उस शख्स ने भरोसा नहीं किया और उन्हें एक कमरे में ले जाकर कहा- यहां रहना है तो कान की प्लास्टिक सर्जरी करवा लो, मैं भी हिंदू हूं और यहीं छिप कर रह रहा हूं।" अजित डोभाल ने बताया कि इसके बाद उन्होंने वाकई में अपनी पहचान बचाने के लिए कान की प्लास्टिक सर्जरी कराई।
आतंकियों के प्लान को किया फेल
एक खुफिया एजेंट के रूप में अजीत डोभाल पाकिस्तानी-आधारित आतंकवादियों की आतंकी प्लान और हथियारों और ठिकानों के बारे में जानकारी एकत्र की। डोभाल अपनी सर्विस के दौरान खूफिया तौर पर आतंकी संगठनों की बीच भी रहे।
उग्रवादियों के बीच पहुंचे डोभाल
1980 के दशक के उत्तरार्ध में साल 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान डोभाल ने खालिस्तानी उग्रवादियों के पाकिस्तानी एजेंट के रूप में स्वर्ण मंदिर में प्रवेश किया और महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई। एक अंडरकवर एजेंट के रूप में अपने कार्यकाल के बाद, डोभाल ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में काम किया। पीएम मोदी के करीबी सहयोगी डोभाल ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक जैसी ऐक्शन के पीछे रहे।
बताया जाता है कि पाकिस्तान में रहकर डोभाल ने कई आतंकियों और गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से जुड़ी अहम जानकारी भारत तक पहुंचाई। उनके इस साहस और रणनीतिक सूझबूझ की वजह से ही उन्हें आज भारत की सुरक्षा नीति के सबसे मजबूत स्तंभों में गिना जाता है।