पाकिस्तान जाने वाले नेताओं की सूची लंबी, लेकिन मनमोहन का नाम नहीं; पायलट ने क्यों कही यह बात
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद करते हुए पायलट ने कहा कि लोगों को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान ही कर्जमाफी, मनरेगा और गरीबी उन्मूलन जैसी समाजवादी नीतियां लागू की गई थीं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत पर काम किया और अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान का दौरा नहीं किया, क्योंकि उन्हें लगा कि यह सही नहीं है। पायलट ने कहा कि पाकिस्तान जाने वालों की सूची लंबी है और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे लोग शामिल हैं, लेकिन इसमें सिंह और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम शामिल नहीं हैं।
पायलट ने यह बात इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (IICC) में मनमोहन सिंह की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में कही, जिसे योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे पंकज पचौरी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सिंह की बेटी एवं इतिहासकार उपिंदर सिंह और आईआईसीसी के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि भारत के परमाणु शक्ति के रूप में उभरने का काफी श्रेय सिंह को जाता है, क्योंकि उन्होंने एक राजनीतिक रुख अपनाया और अमेरिका के साथ परमाणु समझौते के लिए अपनी सरकार को जोखिम में डाला, क्योंकि उन्हें लगा कि यह देश के लिए सबसे उत्तम है। इसके बाद पायलट ने कहा, 'राजीव शुक्ला जी ने कहा कि वह (सिंह) पाकिस्तान नहीं जा सके, अपने गांव नहीं जा सके, उन्हें कौन रोक रहा था? कई बार निमंत्रण आता, लेकिन वो नहीं गए क्योंकि उन्हें लगा कि जाना ठीक नहीं है।'
पायलट ने आगे कहा, 'पाकिस्तान कौन-कौन गया? मैं इस बारे में विस्तार से नहीं बताना चाहता, क्योंकि यह एक लंबी सूची है। आडवाणी जी गए, वाजपेयी जी गए, मोदी जी गए, लेकिन सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह उस सूची में नहीं हैं। ‘राष्ट्र प्रथम’ कहना आसान है, लेकिन उस पर अमल करना बहुत मुश्किल है, और डॉ. सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में ऐसा किया।'
उन्होंने कहा, 'ऐसे व्यक्ति के साथ काम करना सौभाग्य की बात है जो आपको टीम में बराबर का सदस्य मानते हैं। अगर प्रधानमंत्री इतना स्थान देते हैं और दूसरे लोगों के विचारों का सम्मान करते हैं, तो यह एक अलग संदेश देता है।' पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान सचिन पायलट मंत्री रहे थे।
मनमोहन सिंह को याद करते हुए पायलट ने कहा कि लोगों को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान ही कर्जमाफी, मनरेगा और गरीबी उन्मूलन जैसी समाजवादी नीतियां लागू की गई थीं। उन्होंने कहा, 'इन दिनों हम देख रहे हैं कि तथाकथित घोटालों और संभावित नुकसान की बातों का क्या नतीजा निकला है। पूरा देश देख रहा है कि एक राष्ट्रवादी के तौर पर उन्होंने क्या किया।'
पायलट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर सिंह की टिप्पणी को याद किया और पूछा कि किस प्रधानमंत्री में यह कहने का साहस था कि ‘मेरा सिर शर्म से झुक गया है’ और ऐसा नहीं होना चाहिए था। अपनी टिप्पणी में शुक्ला ने कहा कि सिंह ने मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन उसका प्रचार नहीं किया। उधर पंकज पचौरी ने कहा कि वह कभी भी देश के काम में धर्म को नहीं लाते थे।
बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर, 2024 को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में प्रधानमंत्री रहे। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने 1991 में आर्थिक सुधारों की रूपरेखा तैयार की, जिसने भारत की आर्थिक दिशा बदल दी।